बेलगावी, 23 दिसंबर (एजेंसी)
कर्नाटक विधानसभा ने बृहस्पतिवार को हंगामे के बीच विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। कांग्रेस ने विधेयक का भारी विरोध करते हुए कहा कि यह ‘जनविरोधी, अमानवीय, संविधान विरोधी, गरीब विरोधी और कठोर’ है। जनता दल (एस) ने भी विधेयक का विरोध किया। सदन में ‘कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, 2021′ पर हुई चर्चा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के लिए सिद्धारमैया नीत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। अपने दावे के समर्थन में भाजपा ने कुछ दस्तावेज सदन के पटल पर रखे। इस विधेयक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा और बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी कपटपूर्ण तरीके से एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी अंतरण पर रोक लगाने का प्रावधान है। विधेयक में 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है। अभियुक्तों को धर्मांतरण करने वालों को मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपये तक का भुगतान करने का प्रावधान भी है। सामूहिक धर्मांतरण के मामलों के संबंध में तीन से 10 साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है।