नयी दिल्ली, 12 अगस्त (एजेंसी)
विपक्षी सांसद सड़क पर उतरे तो सरकार की तरफ से 8 मंत्रियों ने पलटवार करते हुए कहा कि संसद में अमर्यादित आचरण पर विपक्ष मांफी मांगे। केंद्रीय मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की और कहा कि मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मुख्तार अब्बास नकवी, अनुराग ठाकुर, प्रह्लाद जोशी, अर्जुन मेघवाल और वी. मुरलीधरन ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। गोयल ने कहा कि राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष का आचरण संसदीय लोकतंत्र का निचला स्तर था। विपक्ष इस तथ्य को पचा नहीं पा रहा है कि देश ने उस पर भरोसा करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो दुखद और शर्मनाक घटनायें हमने इस सत्र में देखी हैं, राज्यसभा में विपक्ष का जो व्यवहार रहा है, उससे सदन की गरिमा आहत हुई है। अनाप-शनाप आरोप लगाकर विपक्ष ने आसन की गरिमा को भी आघात पहुंचाया है। विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए गोयल ने कहा कि वास्तव में विपक्षी सदस्यों ने महिला मार्शल से धक्का-मुक्की की।
सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा में महासचिव की मेज नाचने और विरोध करने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष का एकमात्र एजेंडा सड़क से लेकर संसद तक अराजकता पैदा करना था।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘राज्यसभा के सभापति को नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद नहीं चलने देने का पहले ही फैसला कर लिया था। जोशी ने कहा, ‘संसद में नियम तोड़ने एवं अमर्यादित व्यवहार करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि भविष्य में कोई ऐसा करने का साहस नहीं करे।’
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार शुरू से ही सभी मुद्दों पर सकारात्मक एवं रचनात्मक चर्चा को तैयार थी, लेकिन विपक्षी दल हंगामे की प्रतिस्पर्धा में लगे थे।