गुरुद्वारों के लाउड स्पीकारों से करवाई गयी मुनादी : फैंसिंग पार आज शाम तक काट लें
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 26 अप्रैल
पंजाब के उन किसानों की मुश्किलें और धड़कनें बढ़ गयी हैं, जिनकी जमीन बाॅर्डर के उस पर है। अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, फिरोजपुर व फाजिल्का जिलों के कई ऐसे गांव हैं, जिनके किसानों की जमीन बाॅर्डर के इस पार भी है और उस पार भी। ऐसे किसानों को फैंसिंग के पार जमीन पर दो दिन के भीतर फसल काटने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
यह समय सीमा रविवार शाम को पूरी हो जाएगी। हालांकि, किसानों ने 80 प्रतिशत के करीब फसलों की कटाई की हुई है। लेकिन, तूड़ी (भूसा) बनाने के लिए नाड़ अभी भी खेतों में खड़ी है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बाॅर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई जा चुकी है और तनाव की स्थिति भी बनी हुई है। इसी के चलते पंजाब के सीमावर्ती गांवों में मुनादी करके किसानाें को अपनी फसल काटने और समेटने को कहा गया।
सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ व पंजाब पुलिस के निर्देश पर गुरुद्वारों में शनिवार को दिनभर अनाउसमेंट की जाती रही। हालांकि, बीएसएफ की तरफ से इस संबंध में अाधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया, लेकिन दिनभर किसानों में अफरा-तफरी मची रही। ये किसान रोजाना बीएसएफ के साथ फैंसिंग पार खेती के लिए जाते हैं। इन किसानों के रोजाना आठ घंटे बाॅर्डर पर ले जाया जाता है।
जमहूरी किसान सभा के प्रधान डॉ. सतनाम सिंह अजनाला ने बताया कि पाकिस्तान से लगते सरहदी जिलों अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर और फाजिल्का में बाॅर्डर पर तार के पार 22,000 एकड़ खेती वाली जमीन है। इसमें से 90 फीसदी पर खेती होती है। अमृतसर जिले में 2500 एकड़ जमीन फैंसिंग पार है। उनका कहना है कि फसल तो 80 फीसदी कट गयी है, लेकिन तूड़ी (भूसा) बनाने के लिए नाड़ अभी खेतों में खड़ी है। उनका कहना है कि इस फरमान से किसान तूड़ी नहीं बना सकेगा।
} सरकार ने भले ही यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है, लेकिन इससे किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा।~
-डॉ. रतन सिंह रंधावा, प्रधान- बाॅर्डर एरिया संघर्ष कमेटी