AMRUT 2.0 scheme : 33 ढाणियों में पहुंचेगा पेयजल, 12 गांवों में मिलेगी सीवरेज सुविधा
हरियाणा में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति व सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। राज्य की 33 ढाणियों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इससे ग्रामीण व छोटे कस्बों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ पानी की निरंतर सुविधा मिल सके। अमरूत 2.0 योजना के तहत 12 नए गांवों में सीवरेज सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रत्येक चयनित गांव में सीवरेज नेटवर्क और आवश्यक ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा, ताकि परियोजना पूरी तरह कार्यात्मक और प्रभावी हो। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, स्वास्थ्य और जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में वीरवार को यहां हुई जलापूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड की 58वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर सिंह गंगवा, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सभी योजनाओं को योजनाबद्ध और समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में अमरूत 2.0 योजना के तहत किए जा रहे कार्यों के दौरान आने वाली शिकायतों का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि जनता को किसी प्रकार की परेशानी न हो। शहरी क्षेत्रों में भी सीवरेज नेटवर्क का अपग्रेडेशन किया जाएगा और गंदे पानी के ट्रिटमेंट के लिए नए प्रोजेक्ट्स तैयार किए जाएंगे।
परियोजनाओं की गुणवत्ता और कार्यान्वयन की नियमित जांच क्वालिटी एशोरेंस अथॉरिटी के माध्यम से कराई जाएगी। सीएम ने कहा कि स्वच्छ पेयजल और मजबूत सीवरेज प्रणाली न केवल बुनियादी सुविधा है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ काम करना होगा ताकि योजनाओं का प्रभाव सर्वजन तक समय पर पहुंचे। बैठक में विभागों ने चल रही परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
समीक्षा में यह सुनिश्चित किया गया कि काम समय पर और निर्धारित मानकों के अनुसार पूरा हो। आगे की रणनीति में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी। इस तरह हरियाणा में जलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था को विस्तृत और प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिले और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।