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Amit Shah : अमित शाह का कांग्रेस पर वार...संविधान को एक ‘परिवार' की निजी जागीर माना, संसद के साथ की धोखाधड़ी

भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर दो दिवसीय चर्चा
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने संविधान को एक परिवार की ‘निजी जागीर' माना और संसद के साथ ‘धोखाधड़ी' की। ‘भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा' पर दो दिवसीय चर्चा पर सरकार का पक्ष रखते हुए शाह ने दावा किया कि मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए कांग्रेस 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को तोड़ना चाहती है। उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि क्या वह मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करती है?

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साथ ही उन्होंने आरोप लगाया, कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कभी काम नहीं किया। भाजपा पहले ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता ला चुकी है। आने वाले दिनों में इसे सभी राज्यों में लागू करेगी। उन्होंने महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को जिम्मेदार ठहराया गया।

कांग्रेस को ईवीएम के खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाना छोड़कर सत्ता में लौटने के लिए तुष्टिकरण और परिवारवाद की राजनीति के साथ ही भ्रष्टाचार की अपनी कारगुजारियों पर आंसू बहाना चाहिए। पिछले 75 वर्षों में कांग्रेस ने संविधान के नाम पर धोखाधड़ी की... उन्होंने (नेहरू-गांधी परिवार) न केवल पार्टी को अपनी निजी संपत्ति समझा, बल्कि संविधान को अपनी 'निजी जागीर' की तरह माना।

उन्होंने कहा, ‘‘संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होगा। वे (कांग्रेस) ओबीसी का कोई कल्याण नहीं चाहते हैं, वे 50 फीसदी की सीमा बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं।''आज, एक बार फिर मैं इस सदन में जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि जब तक भाजपा के पास एक भी सांसद है, हम धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देंगे।''

उन्होंने दावा किया कि देश में पहले चुनाव से पहले ही जवाहरलाल नेहरू ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने के लिए पहला संविधान संशोधन किया। शाह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए मुस्लिम महिलाओं को वर्षों तक उनके अधिकारों से वंचित रखा। उन्होंने (कांग्रेस ने) एक परिवार का महिमामंडन करने के अलावा कुछ नहीं किया।

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