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विरोध के बीच नौ राज्यों, तीन यूटी में एसआईआर शुरू

नौ दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी करेगा आयोग, तृणमूल ने बताया धोखाधड़ी
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विपक्षी दलाें के विरोध के बीच निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू कर दिया। तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को पक्षपाती करार देते हुए एसआईआर को ‘धोखाधड़ी’ बताया। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और उसके सहयोगी दल भी एसआईआर का विरोध कर रहे हैं।

आयोग ने कहा कि उसके मतदान केंद्र अधिकारियों (बीएलओ) ने मतदाताओं को फॉर्म सौंपना शुरू कर दिया है। आयोग के अनुसार, एसआईआर चार दिसंबर तक चलेगा। आयोग नौ दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।

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बिहार के बाद, यह एसआईआर का दूसरा चरण है। इसमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे। असम में भी अगले साल चुनाव होने हैं, लेकिन वहां मतदाता सूची में संशोधन की घोषणा अलग से की जाएगी क्योंकि राज्य में नागरिकता सत्यापित करने के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कवायद चल रही है। इसके अलावा, नागरिकता अधिनियम का एक अलग प्रावधान असम पर लागू है।

एक भी पात्र मतदाता हटाया तो गिरा देंगे भाजपा सरकार : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यदि मतदाता सूचियों से एक भी पात्र मतदाता को हटाया गया तो हम केंद्र में भाजपा सरकार को गिरा देंगे। उन्होंने भाजपा और निर्वाचन आयोग पर मतदाताओं को डराने-धमकाने के लिए एसआईआर को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। कोलकाता में एसआईआर विरोधी रैली का नेतृत्व करते हुए ममता ने कहा कि निर्वाचन आयोग भाजपा शासित राज्यों को छोड़ दे रहा है, जबकि विपक्ष शासित राज्यों में चुनिंदा रूप से पुनरीक्षण अभियान चला रहा है।

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