American Exile : 25 घंटे जंजीरों में रखा, निर्वासन के नाम पर दी गई जिल्लत... अमेरिका से निकाले गए व्यक्ति ने सुनाई आपबीती
American Exile : अमेरिका द्वारा निर्वासित भारतीयों के नवीनतम जत्थे का हिस्सा रहे हरजिंदर सिंह (45) ने कहा कि मेरे पैर सूज गए हैं। मुझे (विमान में) 25 घंटे तक बेड़ियों में जकड़ के रखा गया था। अपनी पीड़ा बताते हुए सिंह ने यह भी कहा कि बेहतर जीवन के लिए उन्होंने अमेरिका जाने के लिए 35 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन परिवार के लिए कुछ अच्छा करने का उनका सपना अब टूट गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अवैध प्रवासियों के नवीनतम समूह में हरियाणा के कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, जींद और पानीपत जिलों के लगभग 50 लोग शामिल थे। उन्हें लेकर एक विमान शनिवार देर रात दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा। प्रवासियों (अधिकतर 25-40 आयु वर्ग के लोग) ने निर्वासन पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बेहतर भविष्य की तलाश में अमेरिका जाने के लिए अपने प्लॉट बेचकर, रिश्तेदारों से उधार लेकर और अपनी बचत खर्च करके लाखों रुपये दिए थे। उनमें से ज्यादातर ने अमेरिका में घुसने के लिए खतरनाक 'डंकी रूट' अपनाया था।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें हरियाणा में उनके संबंधित जिलों में लाया गया और उनके परिवारों को सौंप दिया गया। अंबाला के जगोली गांव के हरजिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए 35 लाख रुपये खर्च किए। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैंने वहां खाना बनाना सीखा और फ्लोरिडा के जैक्सनविले में रहा। वहां मेरी नौकरी अच्छी थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने मुझे पकड़ लिया और वापस भारत भेज दिया।"
उन्होंने कहा, "मुझे अमेरिका पसंद था। यह एक अच्छा देश है, लेकिन (राष्ट्रपति) ट्रंप ने हमें वापस भेज दिया। कई भारतीयों को निर्वासित किया गया है।" उन्होंने अपने परिवार के लिए केंद्र से मदद भी मांगी। इस साल की शुरुआत में, अमेरिकी अधिकारियों ने पंजाब, हरियाणा और गुजरात से कई युवाओं को निर्वासित किया था। इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद, देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
