'अंबेडकर चाहते थे कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त हो न्यायपालिका'
मुंबई, 8 जुलाई (एजेंसी)भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण रामकृष्ण गवई ने मंगलवार को कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान की सर्वोच्चता की बात की थी और उनका मानना था कि न्यायपालिका को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। वह शीर्ष न्यायिक पद पर पदोन्नत होने पर महाराष्ट्र विधानमंडल द्वारा अपना अभिनंदन किए जाने के बाद बोल रहे थे।
जस्टिस गवई ने विधानमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर ने कहा था, ‘हम सभी संविधान की सर्वोच्चता में विश्वास करते हैं, जो शांति और युद्ध के दौरान देश को एकजुट रखेगा।' प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि संविधान तीनों अंगों- कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को अधिकार देता है तथा अंबेडकर के अनुसार न्यायपालिका को नागरिकों के अधिकारों की प्रहरी और संरक्षक के रूप में काम करना है। सीजेआई ने आंबेडकर के इस कथन को भी उद्धृत किया कि संविधान स्थिर नहीं रह सकता, इसे जीवंत होना चाहिए तथा निरंतर विकसित होते रहना चाहिए।