सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 27 मई
हालांकि कोरोना संकट के कारण लगातार दूसरे साल अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर अभी भी संदेह है पर 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ यात्रा के प्रतीक हिमलिंग इस बार भी अपने पूर्ण आकार में प्रकट हुआ है। दुनिया भर के बढ़ते तापमान का असर बाबा बर्फानी पर बिल्कुल नहीं दिख रहा है। फिलहाल प्रदेश प्रशासन सर्दी के कारण हिमलिंग की रक्षार्थ सुरक्षाकर्मी तैनात करने से इनकार कर रहा है पर उस पर दबाव बढ़ रहा है कि वह एक टीम को गुफा की ओर रवाना करे जिसका मकसद यात्रा से पहले दर्शन करने की कोशिश करने वालों को रोकना है। हिमलिंग के दर्शनों के लिये 28 जून को यात्रा आरंभ होनी है पर कोरोना की दूसरी लहर के कारण कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। बाबा के भवन तक जाने वाले बालटाल के रास्ते में अभी भी 20 फुट के करीब बर्फ जमा है। खून जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है।
अमरनाथ यात्रा पर असमंजस में जम्मू-कश्मीर प्रशासन
कोरोना की दूसरी लहर के कारण से उपजी परिस्थितियों के चलते जम्मू कश्मीर प्रशासन इस बार अमरनाथ यात्रा को करवाने पर फिलहाल असमंजस में है। इसके लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है पर सब कोरोना की रफ्तार पर ही निर्भर करता है। 28 जून को यात्रा की शुरूआत होनी है। फिलहाल पंजीकरण ही आरंभ नहीं हो पाया है। न ही वे व्यवस्थाएं कोई मूर्त रूप ले पायी हैं। अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि कई विकल्प प्रशासन को दिए जा रहे हैं। एक विकल्प यात्रा अवधि 15 दिनों की करने और बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करने का भी है, तो एक विकल्प सिर्फ हेलीकाप्टर से यात्रा की अनुमति देने का है।