Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Amar Singh Chamkila : "हमें बहुत गर्व है कि हम भारत को उस मंच पर ला पाए...", एमी के लिए नामांकन पर बोले इम्तियाज अली

‘अमर सिंह चमकीला' की कहानी वरदान साबित हुई: अंतरराष्ट्रीय एमी के लिए नामांकन पर इम्तियाज अली

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Amar Singh Chamkila : प्रसिद्ध फिल्मकार इम्तियाज अली ने कहा है कि उनकी फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला' को अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार के लिए दो अलग-अलग श्रेणियों में नामांकित किया जाना उनके लिए एक एक वरदान की तरह है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म इस बात की भी याद दिलाती है कि जो कहानियां हमारी स्थानीय संस्कृति से जुड़ी होती हैं, उनकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है।

दिवंगत पंजाबी संगीतकार अमर सिंह चमकीला के जीवन पर आधारित इस फिल्म को टेलीविजन फिल्म/मिनी-सीरीज श्रेणी में नामांकित किया गया है, जबकि मुख्य कलाकार दिलजीत दोसांझ को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में नामांकित किया गया है। अली ने कहा कि उन्हें गर्व है कि 2024 में नेटफ्लिक्स पर पहली बार रिलीज होने वाली इस फिल्म ने भारत को अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों के साथ खड़ा कर दिया है।

Advertisement

अली ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम अभी रात का भोजन करके लौटे ही थे कि हमें यह खबर मिली... चमकीला की कहानी हमारे लिए एक वरदान की तरह है। मुझे बहुत खुशी है कि यह फिल्म पहचान बना रही है और इसे देखा जा रहा है... हमें बहुत गर्व है कि हम भारत को उस मंच पर ला पाए, जहां इतने सारे अंतरराष्ट्रीय दिग्गज खड़े हैं।'' ‘जब वी मेट', ‘लव आज कल', ‘हाईवे' और ‘तमाशा' जैसी आधुनिक रिश्तों पर आधारित फिल्मों के लिए मशहूर 54 वर्षीय निर्देशक ने कहा कि ‘चमकीला' को मिली पहचान इस बात की याद दिलाती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए एक ‘बेहद स्थानीय फिल्म' बनानी होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको ऐसी भाषा में बात करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय हो, क्योंकि ऐसी कोई भाषा होती ही नहीं। आपको सिनेमा के लिहाज से अपनी मूल भाषा में बात करनी चाहिए। यह एक बड़ी सीख है और यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि यह फिल्म पंजाब में इतनी गहराई से जुड़ी हुई है और पंजाब के लोगों से मिले प्यार की वजह से बनी है।'' यह फिल्म, जिसमें परिणीति चोपड़ा भी हैं, 1980 के दशक के अशांत दौर में उग्रवाद से तबाह पंजाब की पृष्ठभूमि पर आधारित है।

चमकीला (जिनका संगीत विवादास्पद और उत्तेजक होने के बावजूद लोकप्रिय था) की 1988 में उनकी पत्नी अमरजोत के साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अली ने दोसांझ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के माध्यम से चमकीला की खुशबू को पकड़ लिया है, तथा एक बेहद लोकप्रिय गायक के रूप में अपनी छवि को दरकिनार कर दिया है, जो खचाखच भरे एरेना और स्टेडियम में प्रस्तुति देते हैं। अली ने दोसांझ की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपने अभिनय के जरिए चमकीला की असल पहचान और माहौल को बहुत खूबसूरती से पेश किया।

पंजाब को अक्सर पर्दे पर दिखाया जाता रहा है, लेकिन अली की इस बात के लिए प्रशंसा की गई है कि उन्होंने पंजाब के सबसे अशांत दौर को एक ऐसे गायक की संगीतमय कहानी के जरिए प्रामाणिक रूप से दर्शाया है, जिसने सामाजिक मानदंडों और फरमानों का साहसपूर्वक उल्लंघन किया। फिल्म के संगीत की भी भावपूर्ण धुनों के लिए समान रूप से प्रशंसा की गई है, जिनमें ऑस्कर विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान और प्रशंसित गीतकार इरशाद कामिल द्वारा रचित संगीत ‘इश्क मिटाए', ‘बाजा' और ‘विदा करो' शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही नेटफ्लिक्स ‘चमकीला' से जुड़ा सारी समस्याएं गायब हो गईं और मोनिका (शेरगिल) और पूरी टीम का इतने प्यार और लगन से सहयोग करना एक अद्भुत अनुभव था... यह एक बेहद शानदार और संतोषजनक अनुभव रहा। मैं नेटफ्लिक्स के साथ अपने रिश्ते की गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं करना चाहूंगा।'' नेटफ्लिक्स इंडिया की उपाध्यक्ष (कंटेंट) शेरगिल ने कहा कि फिल्म का सफर शानदार रहा, जिसमें अली ने जुनून, स्पष्टता और शुरुआत से ही खुद को लगातार चुनौती देने की इच्छा के साथ इस परियोजना का नेतृत्व किया।

Advertisement
×