ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 फरवरी
साध्वियों के यौन शोषण और हत्या के दो अलग-अलग मामलों में सजायाफ्ता गुरमीत राम रहीम को ‘हाई सिक्योरिटी’ के साथ जेल से बाहर निकाला गया था। राम रहीम को तीन सप्ताह की फरलो मिली हुई है। वह 7 फरवरी को सुनारियां जेल से बाहर निकला और यहां से सीधे गुरुग्राम स्थित डेरा सच्चा सौदा के आश्रम में पहुंचा। अहम बात यह है कि उसकी फरलो की मंजूरी के साथ ही सरकार ने उसकी जेड प्लस सिक्योरिटी भी मंजूर कर दी थी। राम रहीम को खालिस्तान समर्थकों व सिख चरमपंथियों से जान का खतरा बताते हुए सीआईडी चीफ ने रोहतक मंडल के आयुक्त को इस बाबत पत्र भी लिखा था। इससे पहले गुरुग्राम के डीसी की ओर से स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर फरलो को लेकर क्लीन-चिट दी गई थी। गुरुग्राम डीसी ने रोहतक के मंडलायुक्त को लिखे पत्र में कहा था कि राम रहीम को फरलो पर बाहर निकालने से गुरुग्राम पुलिस को कोई आपत्ति नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों पंजाब के सीआईडी चीफ की ओर से भी हरियाणा सरकार को राम रहीम की सिक्योरिटी को लेकर पत्र लिखा गया था। राम रहीम पर हमला होने की आशंका जताई गई थी। इतना ही नहीं, राम रहीम पर ड्रोन से हमला किए जाने की रिपोर्ट भी खुफिया एजेंसियों की ओर से दी गई। इतना ही नहीं, केंद्र की इंटलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की ओर से भी इस बाबत इनपुट राज्य सरकार को दिया गया था। इसके बाद ही सरकार ने यह फैसला लिया है।
विपक्षी दलों ने राम रहीम को फरलो दिए जाने को पंजाब, यूपी व उत्तराखंड सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से जोड़कर भाजपा पर गंभीर आरोप भी लगाए। राज्य सरकार शुरू से ही कहती आई है कि पैरोल व फरलो पर जाने का अधिकार हर कैदी के पास है। सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 7 फरवरी को सुनारियां जेल से फरलो पर 3 सप्ताह के लिए बाहर भेजा गया था। उसे 28 फरवरी को जेल लौटना है।