पुलिस का कथित Audio वायरल... सुखबीर बादल का आरोप, चुनावों में विपक्ष को कुचलने की प्लानिंग
Police Viral Audio: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि आगामी ज़िला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों में विपक्षी दलों विशेषकर अकाली दल को निशाना बनाने...
Police Viral Audio: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि आगामी ज़िला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों में विपक्षी दलों विशेषकर अकाली दल को निशाना बनाने की संगठित साजिश रची जा रही है। बादल ने सोशल मीडिया पर एक कथित ऑडियो क्लिप जारी की, जिसने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। हालांकि दैनिक ट्रिब्यून आडियो की पुष्टि नहीं करता।
बादल के अनुसार, वायरल हुई इस ऑडियो क्लिप में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नामजदगी प्रक्रिया के दौरान विपक्षी उम्मीदवारों को रोकने की रणनीति बनाते सुने जा रहे हैं। क्लिप में कथित तौर पर अधिकारी कहते हैं कि यदि कोई “कार्रवाई” करनी हो तो वह नामजदगी केंद्रों के बाहर गांवों, घरों या रास्ते में की जाए, न कि केंद्रों के अंदर।
🚨ਜਿੱਥੇ ਅਕਾਲੀ ਮਿਲਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਮਜਦਗੀ ਪੱਤਰ ਪਾੜ੍ਹ ਦਿਓ: Punjab Police 🚨
ਲੋਕਤੰਤਰ ਦਾ ਘਾਣ ਕਰਕੇ, ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰੀਸ਼ਦ ਅਤੇ ਬਲਾਕ ਸੰਮਤੀ ਚੋਣਾਂ ਨੂੰ ਬੇਸ਼ਰਮੀ ਨਾਲ ਲੁੱਟਣ ਦੀ ਤਿਆਰੀਆਂ ਸਬੰਧੀ Patiala Police ਦੀ ਕੱਲ੍ਹ ਰਾਤ ਨੂੰ ਹੋਈ MOST SENSITIVE Conference Call ਦੀ ਸਾਰੀ recording ਆਪ ਸਭ ਸੁਣੋ:
"ਅੱਜ Police… pic.twitter.com/5B98XBU6aY
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 4, 2025
कुछ DSP यह कहते सुनाई देते हैं कि वे स्थानीय राजनीतिक नेताओं के संपर्क में हैं और विपक्षी उम्मीदवारों को पर्चा भरने से रोकना उनकी “प्राथमिकता” है। एक अधिकारी कथित रूप से कहता है कि बल प्रयोग पर कोई आपत्ति नहीं, बशर्ते विपक्षी उम्मीदवार केंद्र तक पहुंचने से पहले ही रोक दिए जाएं।
सुखबीर बादल ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने विपक्ष को रोकने की यह कथित योजना लागू की, तो पंजाब में स्थानीय चुनावों की निष्पक्षता पर गहरा सवाल उठेगा। बादल ने चेतावनी दी कि किसी भी कार्यकर्ता या उम्मीदवार के साथ अन्याय होने पर पुलिस और प्रशासन को कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर जवाब देना होगा।
वहीं, पटियाला पुलिस ने क्लिप को फर्जी और मनगढ़ंत बताया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कोई कॉल या निर्देश कभी जारी नहीं हुआ और न ही किसी अधिकारी को इस तरह के आदेश देने का अधिकार है। पटियाला SSP से संपर्क करने की कोशिशें की गईं, लेकिन वे टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
बता दें, अकाली दल और अन्य विपक्षी दल पहले भी आरोप लगाते रहे हैं कि उनके उम्मीदवारों के नामांकन पर्चे फाड़े गए, या उन्हें समय पर पर्चा दाखिल करने नहीं दिया गया। इन आरोपों के बाद SAD ने राज्य चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर वे अदालत का रुख भी करेंगे।

