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जदयू के सभी 101 उम्मीदवार घोषित

राजग के प्रमुख घटक जदयू ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपने कोटे की सभी 101 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें जिनमें आधे से अधिक प्रत्याशी अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़े वर्ग (ईबीसी) से हैं। पार्टी...
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राजग के प्रमुख घटक जदयू ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपने कोटे की सभी 101 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें जिनमें आधे से अधिक प्रत्याशी अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़े वर्ग (ईबीसी) से हैं। पार्टी ने चार मुस्लिम प्रत्याशी भी उतारे हैं। जदयू ने बृहस्पतिवार को 44 उम्मीदवारों की दूसरी और अंतिम सूची जारी की। उसने एक दिन पहले 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। जदयू ने प्रत्याशियों का जातिगत वर्गीकरण भी सार्वजनिक किया है, जिससे स्पष्ट है कि पार्टी का मुख्य ध्यान पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग पर ही बना हुआ है। कुल 101 उम्मीदवारों में 37 ओबीसी और 22 ईबीसी वर्ग से हैं। 22 उम्मीदवार सवर्ण समुदाय से, जबकि चार मुस्लिम प्रत्याशियों को सूची में भी जगह दी गई है। पार्टी ने अररिया से शगुफ्ता अजीम, जोकीहाट से मंजर आलम, अमौर से सबा जफर और चैनपुर से जमा खान को उम्मीदवार बनाया है। नीतीश मंत्रिमंडल के उन लगभग सभी मंत्रियों को फिर से मौका दिया गया है, जो विधानसभा सदस्य हैं। इनमें विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, जमा खान, शीला मंडल और लेशी सिंह प्रमुख हैं। इनके अलावा सुमित कुमार सिंह को भी टिकट दिया गया है। राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुई विभा देवी को नवादा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

 

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अंतिम मतदाता सूची में सुधारात्मक उपाय प्रस्तुत करे आयोग : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली  : निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद को सटीक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता राजनीतिक दल और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) केवल इस प्रक्रिया को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाकर खुश हैं। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद से नाम हटाने के खिलाफ किसी मतदाता ने एक भी अपील दायर नहीं की है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रैलियों के कारण राजनीतिक दलों के सुनवाई से अनुपस्थित रहने का संज्ञान लेते हुए कहा कि वह निर्वाचन आयोग से अपेक्षा करता है कि वह बिहार में एसआईआर के बाद तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची में टाइपिंग संबंधी त्रुटियों और अन्य गलतियों की एक जिम्मेदार प्राधिकार के रूप में जांच करे और सुधारात्मक उपाय प्रस्तुत करे। आयोग ने एसआईआर कराने के आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध किया। मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी।

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