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Akhilesh Yadav बोले- भाजपा सरकार की शह पर 'प्रभुत्ववादी' और 'वर्चस्ववादी' तत्वों के हौसले बुलंद

अखिलेश ने राज्य की भाजपा सरकार को ‘हार्टलेस' और ‘अलोकतांत्रिक' करार दिया
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लखनऊ, 24 जून (भाषा)

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा हर असंवैधानिक काम का समर्थन किए जाने की वजह से ‘प्रभुत्ववादी' और ‘वर्चस्ववादी' तत्वों के हौसले बुलंद हैं।

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उन्होंने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को ‘हार्टलेस' (बेरहम) और ‘अलोकतांत्रिक' करार दिया। यादव ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दावा किया कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि ढाई हजार लोग ही इस सरकार को चला रहे हैं। सपा प्रमुख ने इटावा में यादव समाज के कथावाचक का सिर मुंडवाकर अपमानित किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दरअसल सरकार का जो मिजाज होता है, समाज की शक्तियों का संचालन भी उसी दृष्टि से होता है।

अखिलेश ने कहा कि मुझे यह लगता है कि समाज के कुछ लोग ऐसा समझने लगे हैं कि यह सरकार उनके दिल और मन की सरकार है। इसी वजह से वे दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार कर रहे है। सरकार ने कहीं भी यह संदेश देने की कोशिश नहीं की कि कोई इस प्रकार की किसी घटना में शामिल होगा तो उसका अंजाम क्या होगा। यह सारा काम सरकार के संरक्षण में हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक लाभ लेने के लिए घटनाएं को होने देना चाहती है।

सरकार में बैठे लोग अगर न्याय देने लगें तो बहुत सारी घटनाएं होंगी ही नहीं, लेकिन यह सरकार ‘हार्टलेस' (बेरहम) और अलोकतांत्रिक है। हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है। उन्होंने इटावा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग लगातार अन्याय कर रहे हैं तथा प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोग लगातार पीडीए परिवार के लोगों को डरा रहे हैं, धमका रहे हैं, अपमानित कर रहे हैं। पीडीए समाज पर बढ़ते हमलों का असली कारण यह है कि वर्चस्ववादियों को लगता है कि उनके पीछे आज भाजपा की वह सरकार खड़ी है जो सदियों से शक्तिशाली रहे लोगों की सरकार है और वह उन्हें बचा लेगी।

अब पीडीए समाज की एकता और एकजुटता इसका जवाब डटकर देगी। अखिलेश ने बिना कोई सदंर्भ दिए दावा किया कि पीडीए समाज पर जुल्म इसलिए हो रहा है कि ढाई हजार लोग ही इस सरकार को चला रहे हैं। इधर-उधर वे ढाई हजार लोग ही खेल खेल रहे हैं। कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोग कथा वाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं।

‘‘इटावा में ‘कथा वाचन पीडीए अपमान कांड' कुछ प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोगों की वजह से घटित हुआ है। ये लोग आखिर इतनी ताकत कहां से पा रहे हैं? अगर उन्हें पीडीए समाज के लोगों से इतना ही परहेज है तो वे घोषित कर दें कि परंपरागत रूप से कथा कहने वाले वर्चस्ववादी लोग पीडीए समाज द्वारा दिए गए चढ़ावे, चंदे, दान और दक्षिणा इत्यादि को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

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