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हरियाणा के 26 युवकों को म्यांमार से एयरफोर्स ने किया रेस्क्यू

विदेश में नौकरी का झांसा देकर बनाया जा रहा साइबर अपराधी

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हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों के बेरोजगार युवकों को विदेश में अच्छी नौकरी झांसा देकर जबरन साइबर अपराधी बनाया जा रहा है। बीते दिनों म्यांमार से चीनी हैंडलरों की कैद से मुक्त करवाए गये युवकों की दास्तान से यह खुलासा हुआ है। इनमें 26 युवक हरियाणा के हैं। इन युवकों के अनुसार 6 और 10 नवंबर को भारतीय वायुसेना उन्हें थाईलैंड से एयरलिफ्ट करके गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरपोर्ट लायी। वहां से नोएडा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस के मुख्यालय पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा पूछताछ के बाद प्रत्येक को उनके जिले द्वारा नियुक्त अधिकारी को सौंप दिया गया। युवकों के अनुसार प्रत्येक फ्लाइट में 270 युवक थे। रेस्क्यू किए गये हरियाणा के युवकों में हिसार के 10, भिवानी के 5, फतेहाबाद के 3, जींद, पलवल के दो-दो और रोहतक, पानीपत तथा चरखी दादरी का एक-एक युवक था।

गत 7 नवंबर को जिला प्रशासन की ओर से फतेहाबाद के नायब तहसीलदार एक युवक को लेकर आये, जबकि 11 नवंबर को दो अन्य युवकों को टोहाना के तहसीलदार लेकर पहुंचे। इनमें दो युवक भूना क्षेत्र के गांव के हैं, जबकि एक फतेहाबाद के नजदीकी गांव का है। तीनों काम की तलाश में अलग-अलग संपर्क के जरिये पहले थाईलैंड गये थे और वहां से म्यांमार स्थित चीनी कंपनी में जॉब करने पहुंचे, जहां उन्हें बंधक बना लिया गया था।

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दूसरे बैच में लौटे एक युवक ने बताया कि हिसार क्षेत्र के ज्यादातर युवक एक ही एजेंट के जरिये गए थे। चीनी हैंडलर वहां फंसे भारतीयों सहित दूसरे देशों के युवकों को टॉर्चर करते थे। काम के लिए मना करने पर करंट लगाते, मारपीट करते और कुछ युवकों को खाना भी नहीं देते थे। काम छोड़कर जाने के लिए हैंडलर 10,800 अमेरिकी डॉलर की मांग करते थे। युवक ने बताया कि थाईलैंड से उन्हें नदी पार करवाकर म्यांमार ले जाया गया।

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म्यांमार के म्यावाड़ी इलाके के केके पार्क क्षेत्र ले जाया गया, जहां से पूरे विश्व में साइबर ठगी की जाती है। वहां युवकों को साइबर ठगी के तरीके सिखाए जाते थे। एक ग्रुप को जॉब वेबसाइट्स से आवेदकों के मोबाइल नंबर निकालने होते थे। वहां पर भारत के अलावा, पाकिस्तान, वियतनाम, बांग्लादेश, इजिप्ट सहित कई देशों के युवक थे।

युवकों के अनुसार, किसी युवक ने एक व्यक्ति को विश्वास में लेकर भारतीय एंबेसी में ईमेल भेजी, जिसके बाद 28 अक्तूबर को म्यांमार की सेना ने रेड की। इस दौरान मौका मिलते ही कुछ युवक वहां से भाग निकले, जबकि कुछ को सेना की मदद से म्यांमार से थाईलैंड लाकर भारतीय एंबेसी को सौंपा गया। वहां से भारतीय वायुसेना उन्हें एयरलिफ्ट करके लाई।

म्यांमार में बढ़िया सैलरी और खाना-रहना फ्री वाले जॉब ऑफर ने फतेहाबाद के 26 वर्षीय एक युवक को चीनी हैंडलरों की साइबर अपराध कंपनियों के चंगुल में फंसा दिया। इस युवक से बुधवार को पुलिस स्टेशन में लंबी पूछताछ चली। युवक ने पुलिस को आपबीती तो सुनाई, लेकिन शिकायत नहीं दी। जबकि, हिसार में 6 युवक मामला दर्ज करवा चुके हैं। रेस्क्यू किए गए युवक चाहे किसी भी एजेंट के माध्यम से गए, लेकिन वहां उन्होंने नीरव नाम के एजेंट से ही संपर्क साधा।

छापेमारी में भागा तो एक महिला ने किया किडनैप : म्यांमार में बढ़िया सैलरी और खाना-रहना फ्री वाले जॉब ऑफर ने फतेहाबाद के 26 वर्षीय एक युवक को चीनी हैंडलरों की साइबर अपराध कंपनियों के चंगुल में फंसा दिया।

गुप्तचर विभाग को मिली थी जानकारी

दैनिक ट्रिब्यून को मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के गुप्तचर विभाग, हिसार को म्यांमार में फंसे एक युवक के परिजनों ने 24 अक्तूबर को जानकारी दी थी। गुप्तचर मुख्यालय से राज्य सरकार के माध्यम से इसे केंद्र सरकार तक पहुंचाया गया, जिसके बाद रेस्क्यू संभव हुआ। जिला उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने बताया कि फतेहाबाद के तीनों युवकों को उनके परिजनों को सकुशल सौंप दिया गया है। उन्होंने युवकों से अपील की कि विदेश जाने के लिए गलत मार्ग ना अपनाएं, क्योंकि इसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है।

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