नयी दिल्ली, 29 जून (एजेंसी)
सरकार ने 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के कंप्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ रुपये के खर्च की मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया। कंप्यूटरीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य पैक्स की दक्षता बढ़ाने के साथ उनके संचालन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाना है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पांच साल में लगभग 63,000 पैक्स के कंप्यूटरीकरण का प्रस्ताव है। इस परियोजना पर कुल 2,516 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें केंद्र सरकार 1,528 करोड़ रुपये का बोझ वहन करेगी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से 13 करोड़, विशेषकर छोटे और सीमान्त किसानों को फायदा मिलेगा। यह एक ऐतिहासिक निर्णय है और इस क्षेत्र में एक बड़ा सुधार है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि पैक्स सहकारिता क्षेत्र की सबसे छोटी इकाई है और इसका कंप्यूटरीकरण क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध होगा। शाह ने कहा कि पैक्स के कंप्यूटरीकरण का निर्णय इनकी पारदर्शिता, विश्वसनीयता व कार्यक्षमता को बढ़ाएगा व बहुउद्देश्यीय पैक्स की ‘अकाउंटिंग’ में भी सुविधा होगी। लोगों की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध होंगे।
मर्जी से बिक्री कर सकेंगे घरेलू कच्चा तेल उत्पादक
देश में कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली इकाइयां अब अपनी मर्जी से बिक्री कर पाएंगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस संबंध में मंजूरी दी। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने घरेलू बाजार में उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री को नियंत्रण-मुक्त करने की मंजूरी दी है। इसके तहत, एक अक्तूबर से उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी) में कच्चा तेल सरकार या उसके द्वारा नामित इकाइयों अथवा सरकारी कंपनियों को बेचने की शर्त समाप्त हो जाएगी। इसका मतलब है कि उत्पादक अपने क्षेत्रों से उत्पादित कच्चा तेल घरेलू बाजार में बेचने को स्वतंत्र होंगे।