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योग के बाद अब पंच क्रांतियों का शंखनाद : स्वामी रामदेव

हरिद्वार, 5 जनवरी (ट्रिन्यू) पतंजलि योगपीठ के स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण की उपस्थित में पतंजलि संस्थान का 30वां स्थापना दिवस पतंजलि वैलनेस हरिद्वार में मनाया गया। कार्यक्रम में देशभर के पतंजलि योगपीठ संगठन के 6000 से अधिक प्रभारियों ने...

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हरिद्वार में पतंजलि संस्थान के 30वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम में हिस्सा लेते स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ।
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हरिद्वार, 5 जनवरी (ट्रिन्यू)

पतंजलि योगपीठ के स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण की उपस्थित में पतंजलि संस्थान का 30वां स्थापना दिवस पतंजलि वैलनेस हरिद्वार में मनाया गया। कार्यक्रम में देशभर के पतंजलि योगपीठ संगठन के 6000 से अधिक प्रभारियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर स्वामी रामदेव ने योगपीठ की 30 वर्षों की सेवा, संघर्ष व साधना से परिचय कराया तथा पतंजलि योगपीठ की भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने योग क्रांति की सफलता के बाद पंच क्रांतियों का शंखनाद किया।

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उन्होंने बताया कि पहली क्रांति शिक्षा की आजादी होगी। उन्होंने कहा कि हम पहले देश में और फिर पूरी दुनिया में नयी शिक्षा व्यवस्था का शंखनाद करेंगे और उसका नेतृत्व भारत करेगा। हम अगले पांच साल में 5 लाख विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ेगें। दूसरी क्रांति में चिकित्सा की आजादी के लिए पतंजलि वैलनेस, योगग्राम, निरामयम, चिकित्सालयों एवं आरोग्य केंद्रों से लेकर, आधुनिक रिसर्च के माध्यम से ऋषियों की विरासत और विज्ञान को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।

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तीसरी क्रांति आर्थिक स्वदेशी का आंदोलन इतना बड़ा खड़ा हो कि आर्थिक लूट खत्म हो और भारत परम वैभवशाली बनेे। चौथी क्रांति हमें वैचारिक और सांस्कृतिक गुलामी से भारत को मुक्ति दिलानी है। हमें इस सनातन धर्म को, वेदधर्म को, ऋषिधर्म को, योगधर्म को युगधर्म के रूप में बढ़ाना है। पांचवी क्रांति रोग, नशा, अश्लीलता से आजादी होगी।

पतंजलि के 30 वर्ष पूर्ण होने पर यही है हमारा संकल्प है कि हम पूरे विश्व को योगमय बनायेंगे, चरित्र निर्माण करके आदर्श विश्व नागरिकों का निर्माण करेंगे। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वामीजी के पुरुषार्थ से पतंजलि का योगदान आज पूरी दुनिया को प्रेरणा दे रहा है। पतंजलि में लोगों को स्वास्थ्य देने के लिए अर्थ से परमार्थ का अभियान चलाया है।

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