सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 27 जुलाई
एक महीने के कम समय में ही अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वालों का आंकड़ा जबरदस्त ढलान पर है। इसका सबसे बड़ा कारण अमरनाथ यात्रा के प्रतीक हिमलिंग के पिघल जाने का है। आज 1150 श्रद्धालुओं को जम्मू से रवाना किया गया जबकि कल 2189 इसमें शामिल हुए थे। हालांकि कल 5 हजार के लगभग श्रद्धालुओं ने गुफा के दर्शन किए थे। उनमें निराशा थी क्योंकि इतनी लंबी यात्रा करने के उपरांत उन्हें हिमलिंग के दर्शन नहीं हो पाए क्योंकि हिमलिंग कई दिन पहले ही अंतर्ध्यान हो चुका है।
29 जून को आरंभ होने वाली यात्रा में पहले प्रतिदिन 15 से 20 हजार श्रद्धालु शिरकत कर रहे थे जिससे लगने लगा था कि इस बार आंकड़ा एक नया रिकार्ड बनाएगा। पर 9 जुलाई को गुफा के बाहर बादल फटने की घटना में 16 श्रद्धालुओं की मौत ने अन्य श्रद्धालुओं के मन में ‘डर’ जरूर पैदा कर दिया था। 11 अगस्त को श्रावन पूर्णिमा के दिन इस यात्रा का समापन होना है और श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार आती गिरावट दिख रही है। यह बात अलग है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस बार 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के यात्रा में शामिल होने की उम्मीद लगाते हुए आस प्रकट की थी कि इन श्रद्धालुओं के कारण कश्मीर में इस बार 3 से 4 हजार करोड़ का बिजनेस होगा जिससे कश्मीरी कोरोेना के कारण हुए घाटे से उबर जायेंगे।