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चंडीगढ़ पुलिस से तकरार के बाद आखिर पंजाब पुलिस आरोपी को ले गई रोपड़

नामांकन पत्र पर विधायकों के जाली हस्ताक्षर करने का मामला

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राज्यसभा नामांकन पत्रों में जाली हस्ताक्षर करने के आरोपी नेता नवनीत चतुर्वेदी की हिरासत को लेकर पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस के बीच तकरार के बीच आज नाटकीय घटनाक्रम में चतुर्वेदी, जिन्हें चंडीगढ़ पुलिस ने सुरक्षा दी थी, को रोपड़ पुलिस गिरफ्तार करके ले गयी। चंडीगढ़ पुलिस के ‘संरक्षित व्यक्ति’ के रूप में सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन में लगभग दो दिन बिताने के बाद एसपी जीएस गोसल और सीआईए इंचार्ज मनफूल सिंह के नेतृत्व में रोपड़ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और रात लगभग 8.30 बजे रोपड़ ले गई। राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले चतुर्वेदी पर चुनाव के लिए अपने प्रस्तावक के रूप में 10 आप विधायकों के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप है। इस संदर्भ में आप विधायक दिनेश चड्ढा की शिकायत पर रोपड़ में उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है। कल शाम से ही पंजाब पुलिस के जवानों का एक बड़ा दस्ता सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन के चारों ओर तैनात था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चतुर्वेदी वहां से भाग न सकें। पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस के बीच छिड़ी तकरार आज सुबह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गयी। जस्टिस त्रिभुवन दहिया की पीठ ने संबंधित पक्षों को 4 नवंबर के लिए नोटिस जारी किये। हाईकोर्ट द्वारा सभी संबंधितों को नोटिस जारी करने के बाद रोपड़ पुलिस मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुखविंदर सिंह की अदालत में वापस गई और चतुर्वेदी के खिलाफ जारी किए गिरफ्तारी वारंट को लागू करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस को निर्देश देने की मांग की। सीजेएम ने न केवल एसएसपी चंडीगढ़ को गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, बल्कि सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन, चंडीगढ़ के एसएचओ नरेंद्र पटियाल को भी अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। यह निर्देश भी दिए गए कि एसएसपी चंडीगढ़ प्रतिहस्ताक्षरित स्पष्टीकरण चार दिनों के भीतर प्रस्तुत करें और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

चतुर्वेदी ने पंजाब पुलिस पर लगाया अपहरण्ा का आरोप

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आज सुबह हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आई याचिकाओं में पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ के अधिकारियों को चतुर्वेदी के खिलाफ वैध गिरफ्तारी वारंटों के क्रियान्वयन में हस्तक्षेप करने से रोकने के निर्देश मांगे, जबकि चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस ने उन्हें चंडीगढ़ के एक पुलिस स्टेशन परिसर से अपहरण करने का प्रयास किया। उल्लेखनीय है कि जाली हस्ताक्षर से संबंधित एफआईआर के सिलसिले में 14 अक्तूबर को रूपनगर कोर्ट द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट लेकर पंजाब पुलिस ने चतुर्वेदी को हिरासत में लेने की कोशिश की थी। हालांकि, चंडीगढ़ पुलिस ने कानूनी प्रक्रियाओं का हवाला देते हुए चतुर्वेदी को पंजाब पुलिस को नहीं सौंपा और कथित तौर पर उन्हें सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन ले गई। टकराव का एक वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। चतुर्वेदी ने दावा किया है कि उनके खिलाफ उचित प्रक्रिया के बिना कई एफआईआर दर्ज की गई हैं और चंडीगढ़ पुलिस की उपस्थिति के बावजूद पंजाब पुलिस ने उन्हें जबरन ले जाने का प्रयास किया। पंजाब सरकार ने दावा किया कि चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तारी में बाधा डाली और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 81 और 94 के तहत औपचारिक नोटिस और अनुरोधों के बावजूद नामांकन पत्रों की जालसाजी जैसे गंभीर अपराध में वांछित व्यक्ति को शरण दी। चतुर्वेदी ने नामांकन पत्रों के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर और लंबित शिकायतों में 10 दिनों के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए पंजाब पुलिस पर चंडीगढ़ पुलिस के खिलाफ बल और हिंसा का उपयोग करने का आरोप लगाया।

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