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16 साल बाद... प्रो. संपत सिंह ने फिर पहना ‘चश्मा’, INLD के राष्ट्रीय संरक्षक भी बने

Professor Sampat Singh: बोले - कांग्रेस में सम्मान नहीं, बस परिवारवाद और वोट चोरी!
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दिनेश भारद्वाज

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

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चंडीगढ़, 5 नवंबर।

Professor Sampat Singh: हरियाणा की राजनीति में बुधवार को गुरुपर्व के साथ एक और ‘राजनीतिक पर्व’ मनाया गया। तीन दिन पहले कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता, पूर्व वित्त और गृह मंत्री प्रो. संपत सिंह ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की वापसी कर ली। यह वापसी सिर्फ एक पार्टी परिवर्तन नहीं, बल्कि हरियाणा के राजनीतिक समीकरणों में नए संकेत छोड़ गई।

गुरुपर्व के अवसर पर चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में इनेलो सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला और प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा की मौजूदगी में प्रो. संपत सिंह और उनके बेटे गौरव संपत सिंह ने विधिवत रूप से पार्टी का प्रतीक ‘चश्मा’ पहनकर घर वापसी की। गौरव सिंह, जो कांग्रेस में सक्रिय युवा नेता रहे हैं, ने भी पिता के साथ इनेलो की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम में उत्साह इस बात का संकेत दे रहा था कि लंबे समय बाद इनेलो के मंच पर पुराने ‘देवीलाल खेमे’ की एकता दिखाई दी। इस मौके पर डबवाली विधायक आदित्य देवीलाल, उमेद लोहान, शेर सिंह बड़शामी, आरएस चौधरी व प्रकाश भारती सहित बड़ी संख्या में इनेलो नेता मौजूद रहे।

पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेजकर पार्टी से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने उनसे संपर्क कर पार्टी में बने रहने का आग्रह किया था, लेकिन संपत सिंह ने कहा कि जब पार्टी में सम्मान ही न बचे, तो सदस्यता का कोई अर्थ नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब सिद्धांतों की नहीं, बल्कि स्वार्थ और वंशवाद की राजनीति की पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब एक परिवार में कैद हो गई है वहां ईमानदार और अनुभवी नेताओं के लिए कोई जगह नहीं बची।

मुझे घर बैठाने की साजिश हुई

कांग्रेस नेतृत्व पर खुलकर हमला करते हुए संपत सिंह ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी को परिवार की संपत्ति बना दिया है। उन्होंने कहा कि 2005 में जब हुड्डा मुख्यमंत्री बने तो श्रीकृष्ण हुड्डा ने इस्तीफा देकर उनके लिए किलोई सीट खाली की थी। लेकिन बदले में हुड्डा ने अपने बेटे को उपचुनाव में उतारा और श्रीकृष्ण हुड्डा को दरकिनार कर दिया। कांग्रेस में यह परंपरा बन चुकी है कि त्याग करने वालों को पुरस्कृत नहीं, बल्कि हाशिये पर धकेल दिया जाता है।

देवीलाल ने हाथ पकड़कर राजनीति में उतारा

संपत सिंह ने कहा कि कांग्रेस में बिताए 16 साल उनकी राजनीतिक यात्रा का सबसे कठिन दौर था। उन्होंने कहा कि मुझे बार-बार अहसास हुआ कि मैंने जिस विचारधारा को छोड़ा, वही सही थी। मैंने चौधरी देवीलाल की उंगली नहीं पकड़ी थी, बल्कि उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर राजनीति में आगे बढ़ाया था। वे ऐसे नेता थे जिन्होंने अपने बेटे की बजाय मुझे चुनाव मैदान में उतारा। वह राजनीति विचार की थी, न कि रिश्तेदारी की।

कांग्रेस में वोट चोरी और अपमान के आरोप

संपत सिंह ने कांग्रेस के अंदर भ्रष्टाचार और अनैतिक राजनीतिक व्यवहार के आरोप दोहराए। उन्होंने कहा कि 2016 और 2022 के राज्यसभा चुनावों में वोट चोरी हुई, जिससे पार्टी की साख खत्म हो गई। 2016 में 14 वोट चोरी हुए थे, उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उम्मीदवार आरके आनंद को हराया गया। उन्होंने कहा कि 2022 में अजय माकन को हराया गया, जबकि कांग्रेस के पास पूरा बहुमत था।

उन्होंने कांग्रेस में दलित और पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ अपमानजनक व्यवहार के भी आरोप लगाए। कुमारी सैलजा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी हुई, कार्रवाई करने की बजाय वीडियो वायरल किया गया। बरवाला के उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेलो को भी अपमानित किया गया।

कांग्रेस में सम्मान नहीं, सिर्फ परिवारवाद

संपत सिंह ने कहा कि कांग्रेस में सिद्धांत और संगठन दोनों खत्म हो चुके हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि हरियाणा कांग्रेस अब एक घर में सिमट गई है। वरिष्ठ नेता एक-एक कर किनारे किए जा रहे हैं। मैंने जनता के मुद्दे उठाए, तो मुझे पार्टी विरोधी बताया गया। मैंने हमेशा प्रदेश के हित की बात की। उन्होंने कहा कांग्रेस में जाने के बाद मेरी वजह से पार्टी को पांच से छह सीटों पर जीत हासिल हुई।

अब इनेलो मेरा असली घर है

संपत सिंह ने कहा कि इनेलो ने उन्हें वह मंच दिया है, जहां से वे जनता की आवाज़ उठा सकें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मैंने सम्मान खोया, इनेलो में मुझे वह वापस मिला है। अब मेरा लक्ष्य साफ है भाजपा की नीतियों और कांग्रेस की मिलीभगत दोनों के खिलाफ लड़ना। उन्होंने कहा कि अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में इनेलो को एक बार फिर प्रदेश में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि इनेलो ही हरियाणा की वह ताकत है जो जनता के हक की बात करती है। भाजपा और कांग्रेस दोनों जनता की समस्याओं से कट चुके हैं।

अभय ने बनाया राष्ट्रीय संरक्षक

इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला ने संपत सिंह की वापसी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आज चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के संघर्ष के साथी अपने घर लौटे हैं। उनका अनुभव और संगठनात्मक समझ पार्टी के लिए बड़ी पूंजी है। अभय चौटाला ने मंच से ऐलान किया कि प्रो. संपत सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय संरक्षक बनाया गया है। उन्होंने संकेत दिए कि गौरव संपत सिंह को भी संगठन में युवा मोर्चे में जिम्मेदारी दी जाएगी। अभय चौटाला ने कहा कि इनेलो के दरवाजे उन सभी के लिए खुले हैं जिन्होंने पार्टी छोड़ी थी।

एक सांपनाथ और एक नागनाथ

अभय चौटाला ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर एक साथ हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक सांपनाथ है, दूसरा नागनाथ। दोनों ने हरियाणा की जनता को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को वोट चोरी की बात करने से पहले अपने दल के अंदर झांकना चाहिए। हरियाणा में बहुमत होते हुए भी कांग्रेस ने हमारी सरकार बनने से रोकी थी।

इनेलो ही अब असली विपक्ष

संपत सिंह ने कहा कि आज प्रदेश में विपक्ष नाम की कोई चीज नहीं बची। कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं, लेकिन कोई आंदोलन नहीं। चार महीने तक भाखड़ा डैम से पानी बंद रहा, खेत जलभराव से प्रभावित रहे, फिर भी कांग्रेस के नेता सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहे। वहीं इनेलो के पास सिर्फ दो विधायक हैं, फिर भी जनता के बीच हमारी आवाज़ सबसे तेज़ गूंजती है। संपत सिंह ने इनेलो सरकार के समय की नीतियों को दूरदर्शी बताते हुए कहा कि 2003 में चौ. ओमप्रकाश चौटाला की सरकार ने हरियाणा में वैट लागू किया था, जबकि बाकी राज्य पीछे हट गए थे। हरियाणा वह पहला राज्य था जिसने जुए जैसी लाटरी को बंद किया। चौटाला साहब की सोच हमेशा जनहित में रही। उनका विकास मॉडल आज भी मिसाल है।

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