नयी दिल्ली, 9 सितंबर (एजेंसी)
पांच देशों के प्रभावशाली समूह ब्रिक्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसने आतंकवादियों के सीमा पार से आवागमन सहित सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने का दृढ़ आह्वान किया। समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया। भारत की मेजबानी में आयोजित शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो ने भाग लिया। ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समूह में दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश शामिल हैं जो वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 16 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।
शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक बयान में समूह ने हिंसा से दूर रहने और अफगानिस्तान में स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया। ब्रिक्स ने कहा, ‘हम हिंसा से बचने और शांतिपूर्ण तरीकों से स्थिति के समाधान का आह्वान करते हैं। हम देश में स्थिरता, नागरिक शांति, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता को बढ़ावा देने में योगदान देने की आवश्यकता पर बल देते हैं।’ समूह ने हाल में काबुल हवाई अड्डे के पास हुए आतंकवादी हमलों की भी कड़े शब्दों में निंदा की जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे और अनेक लोग घायल हुए थे। ब्रिक्स ने कहा, ‘हम आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित करते हैं, जिसमें आतंकवादी संगठनों द्वारा अफगान क्षेत्र को आतंकवादी पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करने और अन्य देशों के खिलाफ हमले करने के साथ-साथ अफगानिस्तान के भीतर नशीली दवाओं के व्यापार को रोकने के प्रयास शामिल हैं।’ इसने कहा, ‘हम मानवीय स्थिति के समाधान और महिलाओं, बच्चों तथा अल्पसंख्यकों सहित मानवाधिकारों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हैं।’ ब्रिक्स ने कहा, ‘हम आतंकवाद और आतंकवाद में सहायक चरमपंथ का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को अस्वीकार करते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक समग्र संधि को शीघ्र अंतिम रूप देने और अपनाने का आह्वान करते हैं।’
अमेरिकी और नाटो की वापसी से नया संकट : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद एक नया संकट पैदा हो गया है। अफगान संकट क्षेत्र और दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा, अभी साफ नहीं। अच्छी बात यह है कि हमारे देशों ने इस मुद्दे पर खास ध्यान दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉस्को ब्रिक्स में अपने सहयोगियों के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग जारी रखने के लिए तैयार है।