मुंबई, 26 अप्रैल (एजेंसी)
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि व्हाट्सऐप समूह के संचालक पर समूह के किसी दूसरे सदस्य द्वारा किए गए आपत्तिजनक पोस्ट के लिए आपराधिक कार्यवाही नहीं हो सकती। आदेश पिछले महीने जारी हुआ था और इसकी प्रति 22 अप्रैल को उपलब्ध हुई।
हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि व्हाट्सऐप के एडमिनिस्ट्रेटर के पास केवल समूह के सदस्यों को जोड़ने या हटाने का अधिकार होता है और समूह में डाले गए किसी पोस्ट या विषयवस्तु को नियंत्रित करने या रोकने की क्षमता नहीं होती है। अदालत ने व्हाट्सऐप के एक समूह के संचालक याचिकाकर्ता किशोर तरोने (33) की याचिका पर यह आदेश सुनाया। अभियोजन के मुताबिक तरोने अपने व्हाट्सऐप समूह के उस सदस्य के खिलाफ कदम उठाने में नाकाम रहे जिसने समूह में एक महिला सदस्य के खिलाफ अश्लील और अमर्यादित टिप्पणी की थी।