ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Adani Case: कांग्रेस का अदाणी मामले पर तंज, सरकार अपने आप में जांच का हिस्सा कैसे बन सकती है

‘विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणी पर किया कांग्रेस ने सवाल
Advertisement

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा)

Adani Case: कांग्रेस ने अदाणी समूह को लेकर विदेश मंत्रालय के एक बयान का हवाला देते हुए शनिवार को कटाक्ष किया कि सरकार अपने आप में जांच का हिस्सा कैसे बन सकती है।

Advertisement

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को अदाणी समूह से जुड़े मामले पर कहा था कि भारत सरकार को इस मुद्दे के बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा था, ‘‘यह निजी कंपनियों और व्यक्तियों तथा अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा एक कानूनी मामला है। ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी तरीके हैं, हमारा मानना है कि उनका पालन किया जाएगा।''

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रवक्ता के बयान का हवाला देते हुए ‘एक्स' एक पोस्ट में कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि भारत सरकार अदाणी समूह की अमेरिकी जांच का हिस्सा नहीं है। उन्होंने तो बस स्पष्ट बात कही है।'' उन्होंने कटाक्ष किया, ‘‘यह सरकार अपने आप में जांच का हिस्सा कैसे बन सकती है?''

भारत के लोग ‘होप' में जी रहे, प्रधानमंत्री ‘हाइप' बनाने में लगे हैं: कांग्रेस

कांग्रेस ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि भारत के विकास में मंदी है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़ों से पता चलता है कि निजी निवेश सुस्त बना हुआ है तथा मध्यम और दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता तेज़ी से ख़त्म हो रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति का मूल कारण श्रमिकों की मजदूरी में वृद्धि नहीं होना है।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जुलाई से सितंबर 2024 के लिए कल शाम जारी किए गए जीडीपी विकास के आंकड़े अनुमान से कहीं अधिक ख़राब हैं। भारत में 5.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज़ की गई है और खपत में वृद्धि भी महज 6 प्रतिशत है।''

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री और उनके ‘‘चीयरलीडर्स'' जानबूझकर इस मंदी के कारणों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, लेकिन एक अग्रणी वित्तीय सूचना सेवा कंपनी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की ‘लेबल डायनामिक्स ऑफ इंडियन स्टेट्स' नामक एक नयी रिपोर्ट इसके वास्तविक कारण का खुलासा करती है, जो कि स्थिर मजदूरी है।

रमेश ने कहा, ‘‘रिपोर्ट में यह दिखाने के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण डेटा का इस्तेमाल किया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर समग्र वास्तविक वेतन (प्रत्येक राज्य में महंगाई के लिए समायोजित करके) वृद्धि पिछले पांच वर्षों में 0.01 प्रतिशत पर स्थिर रही है।''

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘दरअसल हरियाणा, असम और उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की तो इसी अवधि में वास्तविक मजदूरी में गिरावट देखी गई है। यह कोई अपवाद नहीं है - लगभग हर साक्ष्य और तथ्य इसी विनाशकारी निष्कर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं कि औसत भारतीय आज 10 साल पहले की तुलना में कम खरीदारी कर पा रहा है, उनकी क्रय शक्ति घट गई है। यह भारत के विकास में मंदी का अंतिम मूल कारण है।''

उनके अनुसार, श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी 2014-2023 के बीच स्थिर रही है तथा वर्ष 2019-2024 के बीच वास्तव में इसमें गिरावट ही आई है। रमेश ने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में खेतिहर मजदूरों की वास्तविक मजदूरी हर साल 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में कृषि मजदूरों की वास्तविक मजदूरी में हर साल 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई।

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़ों से पता चलता है कि निजी निवेश सुस्त बना हुआ है। हमारी मध्यम और दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता तेज़ी से ख़त्म हो रही है। इसका मूल कारण करोड़ों श्रमिकों की स्थिर मजदूरी है।'' रमेश ने सवाल किया कि इस गंभीर हक़ीक़त को कब तक नज़रअंदाज़ किया जाता रहेगा? उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोग ‘होप' (आशा) में जी रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री सिर्फ ‘हाइप' (प्रचार-प्रसार) बनाने में लगे हैं।''

Advertisement
Tags :
Adani Bribery CaseAdani CaseGautam AdaniHindi NewsJairam Rameshअदाणी केसअदाणी रिश्वत मामलाकांग्रेसगौतम अदाणीजयराम रमेशहिंदी समाचार