मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Piyush Pandey Death: विज्ञापनों में शब्दों से 'चमत्कार' करने वाले एड गुरु पीयूष पांडे का निधन

Piyush Pandey Death: भारतीय विज्ञापन जगत के सबसे प्रतिष्ठित और रचनात्मक व्यक्तित्वों में से एक एड गुरु पीयूष पांडे का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से विज्ञापन और क्रिएटिव इंडस्ट्री में शोक की लहर है। प्रसिद्ध मार्केटिंग...
पीयूष पांडे की फाइल फोटो। स्रोत एक्स अकाउंट @bhupendrasingho
Advertisement

Piyush Pandey Death: भारतीय विज्ञापन जगत के सबसे प्रतिष्ठित और रचनात्मक व्यक्तित्वों में से एक एड गुरु पीयूष पांडे का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से विज्ञापन और क्रिएटिव इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

प्रसिद्ध मार्केटिंग एक्सपर्ट सुहेल सेठ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे प्रतिभाशाली व्यक्ति के निधन से मैं बेहद दुखी और स्तब्ध हूं। भारत ने सिर्फ एक महान विज्ञापन हस्ती नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और सज्जन व्यक्ति को खोया है। अब जन्नत में भी गूंजेगा — ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा।’”

Advertisement

चार दशकों तक Ogilvy के स्तंभ रहे

पीयूष पांडे ने Ogilvy India में अपने चार दशक समर्पित किए। उन्होंने 1982 में ओगिल्वी से करियर की शुरुआत की और कंपनी को भारतीय विज्ञापन का पर्याय बना दिया। पांडे ने अपने करियर से पहले क्रिकेटर, चाय चखने वाले (Tea Taster) और निर्माण मजदूर के रूप में भी काम किया था।

27 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंग्रेज़ी-प्रधान विज्ञापन जगत में कदम रखा और इसे भारतीयता की भाषा में ढाला। उनके विज्ञापन आम लोगों की भावनाओं, जुबान और ज़िंदगी से जुड़े रहे यही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।

यादगार विज्ञापन जिन्होंने भारत को छू लिया

पीयूष पांडे की रचनात्मकता ने भारतीय ब्रांडों को नई पहचान दी। उनके बनाए कुछ प्रतिष्ठित कैंपेन आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं —

पीयूष पांडे: जीवन और परिवार

पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर के एक साधारण परिवार में हुआ था। वे नौ भाई-बहनों में से एक थे। वे सात बहनें और दो भाई थे। उनके भाई प्रसून पांडे जाने-माने विज्ञापन निर्देशक हैं, जबकि उनकी बहन ईला अरुण प्रसिद्ध गायिका और अभिनेत्री हैं।

उनके पिता एक बैंक में कार्यरत थे। पीयूष पांडे ने युवावस्था में क्रिकेट भी खेला और इसी से अनुशासन और टीमवर्क सीखा, जो आगे चलकर उनकी क्रिएटिव लीडरशिप की पहचान बनी।

विज्ञापन की दुनिया को ‘भारतीय चेहरा’ देने वाले शख्स

पीयूष पांडे ने भारतीय विज्ञापन को सिर्फ उत्पाद बेचने का माध्यम नहीं, बल्कि कहानी कहने की कला बना दिया। उन्होंने भारतीय संवेदनाओं, संस्कृति और बोलचाल को विज्ञापनों में इस तरह पिरोया कि हर आम व्यक्ति उसमें खुद को देख सके। उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री, कई कैन लायंस अवॉर्ड्स, और वैश्विक स्तर पर Lifetime Achievement सम्मान भी मिले।

Advertisement
Tags :
Abki Baar Modi SarkarHar Khushi Mein Rang LayeIndian advertising industryIndian advertising legendKuch Khaas Hai Zindagi MeinMile Sur Mera TumharaOgilvy IndiaPiyush Pandey deathPiyush Pandey obituarySuhel Seth tributeअबकी बार मोदी सरकारओगिल्वी इंडियाकुछ खास है जिंदगी मेंपीयूष पांडे का निधनपीयूष पांडे की मृत्युभारतीय विज्ञापन उद्योगभारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गजमिले सुर मेरा तुम्हारासुहेल सेठ को श्रद्धांजलिहर खुशी में रंग लाए
Show comments