गुरुग्राम, 7 मई (हप्र)
कोरोना मरीज को लुधियाना पहुंचाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये किराया लेने वाले एंबुलेंस संचालक को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिय है। आरोपी खुद एमबीबीएस डाॅक्टर है। अब उसने मरीज के परिजनों से ली गई राशि वापस कर दी है। पुलिस ने आपदा प्रबंधन के तहत उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे रिमांड पर लिया है। जानकारी के अनुसार, डीएलएफ फेज-एक निवासी सतिंद्र कौर को कोरोना हो गया था। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर परिजनों ने उसके इलाज के लिए गुरुग्राम के अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन यहां बेड नहीं मिला। इसके बाद परिजनों ने लुधियाना के एक अस्पताल में बेड की व्यवस्था करवा ली। सतिंद्र कौर को लुधियाना शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस संचालक को फोन किया। आरोप है कि एंबुलेंस संचालक ने 1 लाख 20 हजार रुपये किराये के बदले एंबुलेंस लुधियाना भेज दी। परिजनों ने उसे नकद व बैंक ट्रांसफर से भुगतान किया।
पीड़िता के बेटे ने बताया कि उसके एक दोस्त ने एंबुलेंस संचालक द्वारा दी गई रसीद को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। यहां सवाल उठाया गया कि सिर्फ 400 किलोमीटर का किराया दिल्ली से लंदन की एयर टिकट से भी महंगा कैसे हो सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स ने एंबुलेंस संचालक पर महामारी का फायदा उठाकर लोगों को लूटने का आरोप भी लगाया। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने एंबुलेंस संचालक को खोज निकाला। शुक्रवार को दिल्ली के इंद्रपुरी थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एंबुलेंस संचालक ने परिजनों के पैसे वापस भी कर दिए। एंबुलेंस संचालक का कार्यालय इंद्रपुरी थाने के तहत आने वाले दसघरा गांव में है।
आरोपी के पास कई एंबुलेंस
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी मिमोह एमबीबीएस डाॅक्टर है, लेकिन उस काम में उसका मन नहीं लगा तो उसने एंबुलेंस का कारोबार शुरू कर दिया। उसके पास कई एंबुलेंस हैं। फिलहाल जांच की जा रही है कि उसने कोरोना काल में कितने लोगों की मजबूरी का इसी तरह से फायदा उठाया।