11 दस्तावेज या आधार करें स्वीकार, बिहार SIR पर SC ने निर्वाचन आयोग को दिए निर्देश
Bihar SIR Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए लोगों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि ऐसे मतदाता अपने दावे ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों से दर्ज करा सकेंगे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि दावा फार्म आधार संख्या के साथ अन्य 11 मान्य पहचान दस्तावेजों में से किसी एक के साथ जमा किया जा सकता है।
पीठ ने आश्चर्य जताया कि 65 लाख मतदाताओं के नाम कटने के बावजूद राजनीतिक दलों ने आपत्तियां दर्ज कराने में सक्रियता नहीं दिखाई। कोर्ट ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया कि वे सभी दलों को इस मामले में पक्षकार बनाएं। पीठ ने कहा, “सभी राजनीतिक दल अगली सुनवाई तक यह बताएं कि उन्होंने बाहर हुए मतदाताओं के दावे दर्ज कराने में कितनी मदद की।” अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
आयोग की सफाई
वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने चुनाव आयोग की ओर से कहा कि आयोग को 15 दिन का समय दिया जाए, ताकि यह दिखाया जा सके कि कोई भी मतदाता वंचित नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक दल बेवजह हंगामा कर रहे हैं, स्थिति इतनी खराब नहीं है।” आयोग ने अदालत को बताया कि अब तक करीब 85 हजार मतदाताओं ने अपने दावे प्रस्तुत किए हैं, जबकि दो लाख से अधिक नए मतदाताओं ने पंजीकरण कराया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को ही चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि 65 लाख बाहर हुए मतदाताओं की सूची 19 अगस्त तक सार्वजनिक की जाए और उनके नाम कटने के कारण भी बताए जाएं। अदालत ने कहा था कि पारदर्शिता ही मतदाताओं का भरोसा कायम करेगी।