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किसानों के मुद्दों पर बनेगी बहु सदस्यीय समिति

शंभू बॉर्डर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा सरकाराें से कहा- ट्रैक्टर, ट्रालियां हटाने को मनाएं

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फाइल फोटो
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सत्य प्रकाश/ ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 22 अगस्त

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सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा की सरकारों से कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करते रहें और उन्हें शंभू बॉर्डर व हाईवे से अपने ट्रैक्टर-ट्रालियां हटाने के लिए राजी करें।

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इससे पहले, पंजाब के एडवोकेट जनरल (एजी) गुरमिंदर सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ को सूचित किया कि 12 अगस्त के आदेश का पालन करते हुए दोनों राज्यों के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक की, जिसमें वे अवरुद्ध राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने पर सहमत हो गए। हालांकि, किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दिल्ली की ओर मार्च करने पर अड़े रहे।

खंडपीठ ने दोनों राज्य सरकारों से प्रदर्शनकारियों के साथ संपर्क करने और उन्हें एम्बुलेंस, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्रों, आवश्यक सेवाओं व आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को रास्ता देने के लिए राजमार्ग से ट्रैक्टर-ट्रालियां हटाने के लिए मनाने को कहा।

पीठ ने कहा कि किसानों की शिकायतों का ‘हमेशा के लिए’ सौहार्दपूर्ण समाधान करने हेतु वह एक सप्ताह के भीतर एक बहु-सदस्यीय समिति का गठन करेगी। पीठ ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों से किसानों के संभावित मुद्दे समिति के विचार के लिए प्रस्तुत करने को कहा। शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार को प्रस्तावित समिति में शामिल करने के लिए ‘अराजनीतिक’ और ‘तटस्थ’ व्यक्तियों के दो या तीन अतिरिक्त नाम देने की भी अनुमति दी। इससे पहले, पंजाब के एजी ने आग्रह करते हुए कहा कि राज्य ने एक विशेषज्ञ का नाम सुझाया था और वह कुछ अन्य नाम देना चाहता है।

यह कहते हुए कि उसका 2 अगस्त का अंतरिम आदेश जारी रहेगा, पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर के लिए निर्धारित की। शीर्ष अदालत पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर अम्बाला के पास शंभू बॉर्डर पर अवरोधक हटाने के लिए कहा गया था, जहां प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।

राजपुरा में आम लोग और व्यापारी निराश

राजपुरा (निस) : सुप्रीम कोर्ट की ओर से शंभू बाॅर्डर को खोलने का स्पष्ट आदेश न आने से इलाके के आम लोगों व व्यापारियों में निराशा है। वहीं किसान संगठनों का कहना है कि सरकार चुनावों तक मसला टालना चाहती है। शहर के दुकानदारों ने कहा कि शंभू बाॅर्डर बंद होने के कारण खासकर राजपुरा का व्यापार ठप हो कर रह गया है। वहीं, भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान मनजीत सिंह घुमाणा ने कहा कि अदालत को स्पष्ट आदेश देना चाहिए था कि हरियाणा सरकार रास्ता खोले।

एक और किसान की मौत

राजपुरा (निस) : शंभू बाॅर्डर पर किसान संगठनों के धरने में शामिल भारतीय किसान यूनियन आजाद के सदस्य कौर सिंह की बुधवार देर शाम मौत हो गई। वह संगरूर जिले के गांव घोडेनाब के रहने वाले थे। उनके साथी किसान मंगत सिंह ने बताया कि बीती देर शाम कौर सिंह (60) की तबीयत अचानक खराब हुई तो एम्बुलेंस बुलाई गई, जो थोड़ी देर से पहुंची और इस दौरान उनकी मौत हो गई।

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