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जयपुर के सरकारी सवाई मानसिंह अस्पताल में लगी भीषण आग, ICU में भर्ती छह मरीजों की मौत

Jaipur Hospital Fire:  मरने वालों में दो महिलाएं और चार पुरुष

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ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि जब स्टोरेज एरिया में आग लगी, तब न्यूरो आईसीयू में 11 मरीज़ों का इलाज चल रहा था। वीडियो ग्रैब/X
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Jaipur Hospital Fire:  जयपुर के सरकारी सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात आग लगने से गंभीर रूप से बीमार छह मरीजों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि जब स्टोर रूम में आग लगी, तब न्यूरो गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में 11 मरीजों का इलाज हो रहा था।

उन्होंने बताया कि आग लगने का कारण ‘शॉर्ट सर्किट' माना जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान पिंटू (सीकर निवासी), दिलीप (आंधी, जयपुर निवासी), श्रीनाथ, रुक्मिणी, खुरमा (सभी भरतपुर निवासी) और बहादुर (सांगानेर, जयपुर निवासी) के रूप में हुई है।

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डॉ. धाकड़ ने बताया कि आईसीयू में 11 मरीज भर्ती थे इनमें से छह की मौत हो गई। इनमें दो महिलाएं और चार पुरुष हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चौदह अन्य मरीजों को एक अलग आईसीयू में भर्ती कराया गया था और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।''

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आग लगने से इमारत में अफरा-तफरी मच गई, धुआं तेजी से पूरी मंजिल पर फैल गया और मरीजों और उनके परिजनों में दहशत फैल गई। आग में कई दस्तावेज, आईसीयू उपकरण व अन्य सामान जलकर खाक हो गए। अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों के तीमारदारों ने मरीजों को बाहर निकाला। यहां तक कि उन्हें उनके बिस्तरों सहित इमारत से बाहर भी पहुंचाया गया। सूचना मिलने के तुरंत बाद दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और लगभग दो घंटे में आग पर काबू पा लिया गया।

घटनास्थल पर मौजूद वार्ड बॉय विकास ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि आग के विकराल होने से पहले उन्होंने और अन्य कर्मचारियों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें आग की खबर मिली, तब हम ऑपरेशन थिएटर में थे, इसलिए हम तुरंत सेंटर के अंदर मौजूद लोगों को बचाने के लिए दौड़े। हम कम से कम तीन-चार मरीजों को बचाने में कामयाब रहे। हालांकि, आग की लपटें तेज होने के कारण, हम इमारत के अंदर नहीं जा सके। हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की।''

उन्होंने बताया कि पुलिस बाद में पहुंची, लेकिन भारी धुएं के कारण वे तुरंत इमारत में नहीं जा सके। जब दमकल की टीम पहुंची, तो पूरा वार्ड धुएं से घिरा हुआ था। दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए इमारत के दूसरी तरफ की एक खिड़की तोड़नी पड़ी। राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने स्थिति का जायजा लेने के लिए ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया।

पटेल और बेढम के वहां पहुंचने पर दो मरीजों के तीमारदारों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और आरोप लगाया कि आग लगने के दौरान कर्मचारी भाग गए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारी उनके मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे। वहां मौजूद एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘हमने धुआं देखा और तुरंत कर्मचारियों को सूचित किया, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। जब आग लगी, तो वे सबसे पहले भागे। अब, हमें अपने मरीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। हम उनकी हालत जानना चाहते हैं, लेकिन कोई हमें बता नहीं रहा है।''

बाद में, मुख्यमंत्री भी घटनास्थल पर पहुंचे और चिकित्सकों एवं मरीजों से बात की। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।''

शर्मा ने कहा, ‘‘प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।'' पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर शोक जताते हुए कहा कि राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति नहीं हो।

एसएमएस अस्पताल हादसे की उच्च स्तरीय जांच हो: अशोक गहलोत

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल हादसे की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। गहलोत ने कहा कि सरकार सुनिश्चित करे कि ऐसी घटना फिर नहीं हो। जयपुर के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रविवार देर रात लगी आग में कम से कम छह मरीजों की मौत हो गई।

गहलोत ने इस हादसे पर शोक जताते हुए कहा कि राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति नहीं हो सके। कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस घटना को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बताया है। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘यह सिर्फ एक हादसा नहीं, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अव्यवस्थाओं की एक और भयावह मिसाल है।''

डोटासरा ने कहा, ‘‘झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद ‘कफ सिरप' से बच्चों की मौत और अब ये अस्पताल हादसा, इससे पहले कि लोगों का सरकारी सेवाओं से विश्वास उठ जाए कुछ करिए सरकार। जांच करके जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिये।'' विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, ‘‘इस भीषण घटना ने मन को झकझोर कर रख दिया है, हृदय अत्यंत व्यथित है। मेरी गहरी संवेदनाएं दिवंगतों के परिजनों के साथ हैं।''

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि अस्पताल में ऐसा हादसा निश्चित रूप से लापरवाही की वजह से हुआ है। इस बीच राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने हादसे पर शोक जताया है।

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