Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

बिहार के सीतामढ़ी में 12 एकड़ भूमि में बनेगा मां सीता का भव्य मंदिर

नयी दिल्ली। बिहार के सीतामढ़ी में 12 एकड़ भूमि में मां सीता का भव्य मंदिर बनेगा। इस बात की जानकारी रामायण रिसर्च काउंसिल द्वारा दिल्ली में दी गयी। नयी दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में सभी संतों ने...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
परियोजना की जानकारी देते पदाधिकारी।
Advertisement
नयी दिल्ली। बिहार के सीतामढ़ी में 12 एकड़ भूमि में मां सीता का भव्य मंदिर बनेगा। इस बात की जानकारी रामायण रिसर्च काउंसिल द्वारा दिल्ली में दी गयी। नयी दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में सभी संतों ने एक-स्वर में कहा कि सीतामढ़ी में जानकी मंदिर निर्माण के लिए भूमि-पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही हाथों संपन्न होना चाहिए। जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि जिन हाथों से प्रभु श्रीरामलला अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठित हुए हैं, उन्हीं हाथों से सीतामढ़ी में मां सीताजी के मंदिर के लिए भूमि-पूजन का कार्य भी होना चाहिए।इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने बताया कि मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी में उनकी भव्य प्रतिमा के निर्माण और पूरे क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक निर्माण कार्य के लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने सीतामढ़ी में 12 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है, जिसके लिए स्वामी ज्ञानानंद ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।

स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने बताया कि प्राकट्य-स्थल अलग है और सीतामढ़ी में जिस स्थान पर भव्य मंदिर और तीर्थ स्थल बनाने की योजना है वह मां सीताजी के प्राकट्य-स्थली से 4 किलोमीटर दूर है। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि वे रामायण रिसर्च काउंसिल की गतिविधियों से परिचित रहे हैं और अब भूमि के आवंटन होने के बाद हम सभी संत मिलकर सीतामढ़ी में मां सीताजी के मंदिर निर्माण के लिए जन-जन के बीच अभियान चलाएंगे और नारी समाज को अधिक से अधिक जोड़ेंगे। कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि जिस तरह प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर दिव्य मंदिर होने के साथ अयोध्या में कई मंदिर और मठ हैं तथा उनका जीर्णोद्धार भी हुआ है, उसी तरह मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी में भी जो भी प्रमुख स्थान हैं और प्राचीनता है, उसका प्रसार होना चाहिए।

Advertisement

निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी चित्प्रकाशानंद गिरि जी महाराज ने पूरे विश्व के सनातन परिवार से आह्वान किया कि वह रामायण रिसर्च काउंसिल के साथ जुड़ें। आचार्य रामचंद्र दास जी महाराज ने कहा कि उनके गुरु पद्मविभूषण जगतगुरु स्वामी श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज ने सीतामढ़ी में मां सीताजी के प्राकट्य-क्षेत्र पुनौरा-धाम में मां सीताजी का मंदिर बनाने के लिए लंबे समय से पहल कर रहे हैं। वृंदावन में मिथिलाकुंज आश्रम से संत महामंडलेश्वर स्वामी किशोरीशरण जी महाराज ने पूरे विश्व में रह रहे मैथिलियों का आह्वान किया कि वे काउंसिल के इस पुनीत कार्य से जुड़ें। कार्यक्रम में श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या में मंदिर-निर्माण के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा भी मौजूद रहे। सीतामढ़ी के सांसद देवेशचंद्र ठाकुर ने कहा कि उनके लिए गौरव का विषय है कि उनके सांसद बनने के बाद बिहार सरकार और केंद्र सरकार मां सीताजी के प्राकट्य-स्थल पर भव्य मंदिर-निर्माण के लिए प्रयत्न कर रही हैं, तो वहीं रामायण रिसर्च काउंसिल जैसी संस्था सीतामढ़ी को तीर्थ क्षेत्र बनाने के लिए प्रयासरत है। काउंसिल के महासचिव कुमार सुशांत ने भी परियोजना पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इन्द्रेश कुमार, भारत सरकार में पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे के अलावा काउंसिल के सदस्य निरंजनी अखाड़े से साध्वी अपराजिता गिरि, संजीव सिंह, डॉ. वीरेंद्र कुमार, कनाडा में रह रहे एनआरआई आदित्य झा (सीतामढ़ी के ही मूलवासी), आईएएस देव दत्त शर्मा, देव रत्न शर्मा, काउंसिल के सचिव पिताम्बर मिश्र, रौशन सिंह, आनंद मोहन, राजीव सिंह, शिवम सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।

Advertisement

Advertisement
×