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एक साइबर विशेषज्ञ... लापता लोगों को ढूंढ़ना ही जिनका जुनून

पिछले 16 साल में गुरचरण सिंह ने सैकड़ों लोगों को परिवारों से मिलवाया

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साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ गुरचरण सिंह
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जुपिंदरजीत सिंह/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 31 दिसंबर

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जब जम्मू के एक स्कूल से 9वीं कक्षा का एक छात्र लापता हो गया, तो उसके परिवार ने उसका पता लगाने के लिए सभी रास्ते तलाशे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दो महीने बाद उन्हें चंडीगढ़ में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ गुरचरण सिंह के बारे में पता चला और कुछ ही समय में लड़का परिवार के पास वापस आ गया।

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केंद्रीय जासूस प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीएस) में बतौर साइबर सुरक्षा फैकल्टी गुरचरण सिंह पुलिस अधिकारियों को ऑनलाइन धोखाधड़ी की जांच के लिए प्रशिक्षित करते हैं, लेकिन लापता लोगों को ढूंढना उनका जुनून है।

2008 में, गुरचरण को झज्जर से एक लड़की के लापता होने का पहला मामला मिला, तब से उन्होंने बच्चों सहित सैकड़ों लापता लोगों का पता लगाया है।

गुरचरण ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए उनके डिजिटल पदचिह्नों का अनुसरण करते हैं। उनका कहना है कि डिजिटल पदचिन्ह कभी भी मिटाये नहीं जा सकते। वह लापता लोगों को उनके परिवारों से मिलवाने के लिए सोशल मीडिया, ऑनलाइन लेनदेन, सीसीटीवी, स्मार्ट टीवी और यहां तक ​​कि जीपीएस डाटा का उपयोग करते हैं।

‘द ट्रिब्यून’ के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में अपने अनुभव साझा करते हुए यमुनानगर के रहने वाले गुरचरण सिंह ने बताया कि कैसे फेसबुक अकाउंट ने उन्हें जम्मू के लड़के तक पहुंचाया।

गुरचरण का कहना है कि लापता लोगों को उनके परिजनों से मिलवाकर उन्हें जो संतुष्टि मिलती है वह अमूल्य है। उन्होंने कहा,’मैं साइबर धोखाधड़ी का पता लगाता था। और जब मुझे कुछ सफलता हासिल हुई, तो मैंने सोचा कि मुझे निराशा में फंसे ऐसे परिवारों की मदद करनी चाहिए।’

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