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लेखक की साधना व संवेदनाओं का संगम होती है किताब : नायब सैनी

‘हैंडबुक फॉर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट्स’ का विमाेचन

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पुस्तक का विमोचन करते हरियाणा के सीएम नायब सैनी (मध्य में)। साथ हैं (एकदम बाएं से) वरिष्ठ अधिकारीगण डॉ. अमित अग्रवाल, डीएस ढेसी, डॉ. केके खंडेलवाल, एके सिंह, दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल, सुधीर राजपाल एवं धीरा खंडेलवाल। -ट्रिन्यू
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को ‘हैंडबुक फॉर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट्स’ का विमोचन करते हुए कहा कि कोई पुस्तक केवल शब्दों का संगम नहीं बल्कि लेखक की सोच, साधना और संवेदनाओं का संगम होती है। यह पुस्तक हर नए और अनुभवी अधिकारी की निर्णायक क्षमता बढ़ाने वाली सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि पुस्तक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (अ.प्र.) डॉ. केके खंडेलवाल और हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह द्वारा लिखी गई है।

चंडीगढ़ के सेक्टर तीन स्थित हरियाणा निवास में हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित विमोचन समारोह में आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारी तथा कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी रही। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मौके को राज्य की प्रशासनिक-न्यायिक व्यवस्था हेतु सार्थक बताते हुए आयोजन को विचारों का उत्सव बताया। उन्होंने पुस्तक के प्रकाशन को इस मायने में महत्वपूर्ण बताया कि यह आपराधिक न्याय व्यवस्था के नये अध्याय शुरू होने के दौर में आई है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता न्याय प्रक्रिया के सरल, गतिशील व पारदर्शी तथा तकनीकी रूप से प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। राज्य में कानून व्यवस्था, जन सुरक्षा, शांति और निष्पक्ष न्याय के दायित्व के चलते कार्यकारी मजिस्ट्रेटों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

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मुख्यमंत्री ने लेखकों के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ. केके खंडेलवाल का इंजीनियरिंग, विधि-विशेषज्ञ, प्रशासक, लेखक और सार्वजनिक सेवक के रूप में व्यापक अनुभव प्रशासनिक प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण रहा है। वर्तमान में भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के चीफ नेशनल कमिश्नर के रूप में उनका मार्गदर्शन युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित कर रहा है। इसी प्रकार अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह ने ऊर्जा, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, शहरी एस्टेट, खनन, सिंचाई एवं जल संसाधन जैसे विभागों के जरिये राज्य को नयी दिशा प्रदान की है।

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इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि नए अधिकारियों को जब अचानक फील्ड में या कार्यालय में जटिल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, तब उन्हें ऐसी पुस्तक की जरूरत होती है, जो ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ का कार्य करे।

पुस्तक के लेखक डॉ. केके खंडेलवाल ने कहा कि यह आयोजन प्रशासनिक अनुभवों, जिम्मेदारियों और जनता की सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को याद करने का अवसर भी है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक वर्षों के अनुभव, चुनौतियों और सीखों की यात्रा का संकलन है। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू होने के बाद फील्ड प्रशासन की भूमिका में कई नयी परिस्थितियां और जिम्मेदारियां सामने आई हैं। फलत: ऐसी संदर्भ पुस्तक की आवश्यकता महसूस की गई जो व्यावहारिक, सरल, और फील्ड में कार्यरत अधिकारियों को तुरंत मार्गदर्शन देने वाली हो। पुस्तक के दूसरे लेखक व हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने कहा कि वास्तविक ज्ञान केवल पुस्तकों से नहीं, बल्कि अनुभव और तजुर्बे से आता है। एक अधिकारी के भीतर धैर्य, स्फूर्ति और विवेक का होना सबसे आवश्यक गुण हैं।

हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि यह विमोचन प्रशासनिक प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा उन अग्रणी राज्यों में शामिल है जिन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों को पूरी तरह लागू किया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, पूर्व मुख्य सचिव डी एस ढेसी, आईएएस अधिकारी (अ.प्र.) श्रीमती धीरा खंडेलवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

‘हरियाणा इनसाइक्लोपीडिया’ एक धरोहर : नरेश कौशल

इस अवसर पर मंचासीन दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल ने डॉ. केके खंडेलवाल की बहुमुखी प्रतिभा का जिक्र करते हुए उनकी हरफनमौला भूमिकाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डॉ. केके खंडेलवाल ने कुछ न कुछ अपने कृष्ण के नाम को सार्थक किया है। उन्होंने जिस भी विभाग का दायित्व संभाला, वहां की कार्यप्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन किया। कौशल ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्काउट-गाइड आंदोलन में डॉ. खंडेलवाल के अवर्णनीय योगदान का उल्लेख किया। साथ ही इलाहाबाद में हुई चौथी स्काउट जम्बूरी में अपने बाल सखा ओमपुरी (प्रसिद्ध अभिनेता) के साथ अपने अनुभवों का भी जिक्र किया। उन्होंने खंडेलवाल को चलता-फिरता इनसाइक्लोपीडिया बताते हुए उनके निर्देशन में दस खंडों में प्रकाशित हरियाणा इनसाइक्लोपीडिया को एक धरोहर करार िदया। उन्होंने डॉ. खंडेलवाल के सृजन-संसार में उनकी जीवनसंगिनी, पूर्व आईएएस अधिकारी व साहित्यकार धीरा खंडेलवाल के योगदान व धैर्य का उल्लेख भी किया।

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