नयी दिल्ली, 19 जून (एजेंसी)
व्यापक विरोध के बावजूद ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना को वापस लेने से इनकार करते हुए सेना के तीनों अंगों ने रविवार को इसके तहत भर्ती के लिए व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की। थलसेना ने कहा कि करीब 40,000 अग्निवीरों के चयन के लिए देशभर में 83 भर्ती रैलियां आयोजित की जाएंगी। इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों से लगातार दूसरे दिन मुलाकात की।
सैन्य मामलों के विभाग के अवर सचिव लेफ्टिनेंट जनरल ए पुरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सशस्त्र बलों के तीनों अंगों के उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने का विषय लंबे समय से विचाराधीन था और यहां तक कि कारगिल समीक्षा समिति ने भी इस पर टिप्पणी की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार विरोध के कारण योजना की समीक्षा कर रही है या वापस ले रही है, लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा, ‘नहीं, इसे वापस क्यों लिया जाये?’ उन्होंने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने युवाओं से विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की।
थलसेना की अग्निवीरों की भर्ती योजना के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि सोमवार को मसौदा अधिसूचना जारी की जाएगी और बाद की अधिसूचनाएं एक जुलाई से सेना की विभिन्न भर्ती इकाइयां जारी करेंगी। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियां अगस्त, सितंबर और अक्तूबर में पूरे देश में होंगी। उन्होंने कहा कि 25,000 कर्मियों का पहला बैच दिसंबर के पहले एवं दूसरे सप्ताह में प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ेगा। दूसरा बैच 23 फरवरी के आसपास अपने प्रशिक्षण में शामिल होगा।
महिलाओं को भी भर्ती करेगी नौसेना
इस योजना के तहत नौसेना में अग्निवीरों की भर्ती का विवरण देते हुए वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि नौसेना मुख्यालय 25 जून तक भर्ती के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करेगा। उन्होंने कहा कि पहला बैच 21 नवंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि नौसेना इस योजना के तहत पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती कर रही है।
वायुसेना के लिए 24 से पंजीकरण
वायुसेना की योजना के बारे में एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया 24 जून को शुरू होगी और भर्ती के पहले चरण के लिए 24 जुलाई को ऑनलाइन परीक्षा प्रारंभ होगी। रंगरूटों के पहले बैच का 30 दिसंबर तक प्रशिक्षण शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
देगी नया रैंक देगी, वर्दी पर विशेष चिन्ह : वायुसेना ने ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर रविवार को विस्तृत जानकारी जारी की। इसके अनुसार, अग्निवीरों को संगठनात्मक हित में कोई भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। कार्य अवधि के दौरान वह अपनी वर्दी पर एक विशिष्ट प्रतीक चिन्ह लगाएंगे। उन्हें वायुसेना में एक अलग रैंक दिया जाएगा, जो किसी भी अन्य मौजूदा रैंक से अलग होगा। वे मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सम्मान और पुरस्कार के हकदार होंगे। प्रत्येक अग्निवीर को 30 दिन की वार्षिक छुट्टी दी जाएगी, जबकि बीमारी की छुट्टी चिकित्सकीय सलाह पर निर्भर करेगी। सेवा अवधि पूरी होने से पहले सेवामुक्त करने का उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। वायुसेना ने कहा, ‘चार साल की अवधि के बाद सभी अग्निवीर समाज में लौट जाएंगे। बहरहाल, वायुसेना द्वारा घोषित संगठनात्मक आवश्यकताओं और नीतियों के आधार पर उन्हें वायुसेना के नियमित काडर में नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा। इन आवेदनों पर एक केंद्रीकृत बोर्ड पारदर्शी तरीके से विचार करेगा और अग्निवीरों के विशिष्ट बैच के अधिकतम 25 प्रतिशत सैनिकों को प्रदर्शन के आधार पर वायुसेना में शामिल किया जाएगा।’
उपद्रवी नहीं बन पाएंगे अग्निवीर
लेफ्टिनेंट जनरल ए पुरी ने कहा कि आगजनी और हिंसा में शामिल युवा सेना में शामिल नहीं हो पाएंगे, पुलिस वेरिफिकेशन कराई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। आगजनी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। जो अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों का हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें प्रमाण पत्र देना होगा कि वे किसी आगजनी का हिस्सा नहीं थे।’