दीमापुर, 10 जनवरी (एजेंसी)
सैकड़ों नगा लोगों ने नगालैंड से सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफस्पा) हटाने और मोन जिले में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारे गये 14 आम नागरिकों के लिए वास्ते इन्साफ की मांग करते हुए दीमापुर से 70 किलोमीटर दूर राज्य की राजधानी कोहिमा तक 2 दिवसीय पैदल मार्च में हिस्सा लिया। इस पैदल मार्च को विभिन्न जनजातीय संगठनों एवं प्रबुद्ध संगठनों का समर्थन मिला।
मार्च दीमापुर के सुपरमार्केट से प्रारंभ हुआ, जिसमें हिस्सा लेने वाले लोगों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून को निरस्त करने एवं मृतकों के वास्ते इन्साफ की मांग करते हुए नारे लिखे थे। मार्च के समन्वयकों में से एक रूकेवेजो वेत्साह ने कहा कि यह अफस्फा पर जन-असंतोष प्रकट करने तथा ‘मानव के रूप में अपनी गरिमा’ को पुन:प्रतिष्ठित करने का शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक उपाय है। उन्होंने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि मोन की घटना के बाद जनता की मांग पर ध्यान नहीं देते हुए केंद्र ने 30 दिसंबर को अफस्पा छह और महीने के लिए बढ़ा दिया। गौरतलब है कि चार एवं पांच दिसंबर की दरम्यानी रात को मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 लोग मारे गये थे।