घरेलू स्तर पर बने 65% रक्षा उपकरण , रूसी सेना में 'मेड इन बिहार' के जूते
नयी दिल्ली, 26 मार्च (एजेंसी)सरकार का कहना है कि अब 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण घरेलू स्तर पर बनाए जा रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता जाहिर होती है। साथ ही यह पूर्व की 65-70 प्रतिशत आयात निर्भरता...
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नयी दिल्ली, 26 मार्च (एजेंसी)सरकार का कहना है कि अब 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण घरेलू स्तर पर बनाए जा रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता जाहिर होती है। साथ ही यह पूर्व की 65-70 प्रतिशत आयात निर्भरता से एक ‘महत्वपूर्ण बदलाव' भी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘मेड इन बिहार जूते अब रूसी सेना के साजो-सामान का हिस्सा हैं, जो भारत के उच्च विनिर्माण मानकों को उजागर करते हैं।'
रक्षा मंत्रालय की एक फैक्ट शीट के अनुसार, ‘मेक इन इंडिया' पहल के बाद से भारत का रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। भारत के विविध निर्यात साजो-सामान में बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर (डीओ-228) विमान, चेतक हेलीकॉप्टर, तेज इंटरसेप्टर नौकाएं और हल्के टॉरपीडो शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस वृद्धि को ‘मेक इन इंडिया' पहल से बल मिला है, जिसने धनुष तोप प्रणाली, एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, हल्के लड़ाकू विमान तेजस, अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर, आकाश मिसाइल प्रणाली, हथियारों का पता लगाने वाली रडार सहित उन्नत सैन्य प्लेटफाॅर्म का विकास निर्धारित किया है, साथ ही विध्वंसक, स्वदेशी विमानवाहक, पनडुब्बी और अपतटीय गश्ती पोतों जैसी नौसेना संपत्ति भी विकसित की है।
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