जस्टिस स्वामीनाथन को हटाने के प्रस्ताव की निंदा, समर्थन में आये 56 पूर्व जज
द्रमुक द्वारा मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन को पद से हटाने के प्रयास की निंदा करते हुए शुक्रवार को 56 पूर्व न्यायाधीशों ने एक बयान जारी किया। उन्होंने इसे ‘न्यायाधीशों को डराने-धमकाने का एक निर्लज्ज प्रयास’ बताया।
जस्टिस स्वामीनाथन ने तमिलनाडु के मदुरै में स्थित एक मंदिर और दरगाह के मामले में हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस आदेश से विवाद खड़ा हो गया और नौ दिसंबर को द्रमुक के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को न्यायाधीश को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने का नोटिस सौंपा था।
इसके विरोध में पूर्व न्यायाधीशों ने बयान में कहा, ‘यह समाज के एक विशेष वर्ग की वैचारिक और राजनीतिक अपेक्षाओं के अनुरूप न चलने वाले न्यायाधीशों को धमकाने का एक निर्लज्ज प्रयास है। यदि ऐसे प्रयास को जारी रहने दिया गया, तो यह हमारे लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही नष्ट कर देगा।’
इसमें यह भी कहा गया है कि यदि हस्ताक्षरकर्ता सांसदों द्वारा बताए गए कारणों को अक्षरशः मान भी लिया जाए, तो भी ये पद से हटाने जैसे दुर्लभ, असाधारण और गंभीर संवैधानिक उपाय का सहारा लेने के लिए अपर्याप्त हैं।
