हैदराबाद, 13 मई (एजेंसी)
कोवैक्सीन की आपूर्ति बाधित होने पर कुछ नेताओं की टिप्पणियों पर भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला ने ट्विटर पर जवाब दिया, जिस पर कई लोगों ने कंपनी की तारीफों के पुल बांधे, जबकि कई ने आलोचना की। ईला ने ट्वीट किया, ‘टीम के लिए यह सुनना बहुत दिल तोड़ने वाला है कि कुछ राज्य हमारे इरादों की शिकायत कर रहे हैं। कोविड संक्रमण के कारण हमारे 50 कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं, फिर भी हम लॉकडाउन में आपके लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि 18 राज्यों को छोटी-छोटी खेप में कोवैक्सीन मिली है।
इस पर कुछ लोगों ने ट्विटर पर कहा कि कोवैक्सीन लोगों की जिंदगी बचा रही है, जबकि कुछ ने सवाल किया कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को टीका क्यों नहीं लगाया। ईला के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘आपके 50 कर्मचारी संक्रमित कैसे हो गये? उन्हें टीका क्यों नहीं लगाया गया? साथ ही अस्थायी आधार पर और लोगों की भर्ती क्यों नहीं कर रहे?’
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘आपको शुक्रिया कहना चाहते हैं। मेरे दादा-दादी 75 साल से अधिक उम्र के हैं और उन्होंने 5 हफ्ते पहले पहला टीका लगवाया, दो हफ्ते पहले दोनों कोविड से संक्रमित पाए गए। उन्हें केवल हल्का बुखार है, आज वे संक्रमित नहीं पाए गये, वे स्वस्थ हो रहे हैं, उन्हें कोई खास दिक्कत नहीं है।’
एक यूजर ने लिखा, ‘भारत के हर कोने तक टीके पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के लिए शुक्रिया भारत बायोटेक।’ एक और यूजर ने कहा, ‘अगर आप कहते हैं कि आपके कर्मचारी कोविड से बीमार हैं तो यह आपके टीके की क्षमता के बारे में बताता है।’
सरकारी डॉक्टरों का इस्तीफा, कोविड ड्यूटी करते रहेंगे
उन्नाव (एजेंसी) : सीमित संसाधनों में काम करने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों पर अभद्रता और शोषण का आरोप लगाते हुये प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ से जुड़े 14 डॉक्टरों ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। ये डॉक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वे जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी से वार्ता होने तक कोरोना संबंधित कार्यो में कोई बाधा नही डालेंगे। संघ के सचिव डॉ संजीव के नेतृत्व में 14 सीएचसी और पीएचसी के प्रभारियों ने गत सायं सीएमओ कार्यालय पहुंचकर अपने प्रभारी पद से मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की अनुपस्थिति में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डा. तन्मय कक्कड़ को इस्तीफा सौंप दिया। उधर, सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार ने बताया कि सभी सीएचसी और पीएचसी के प्रभारी काम पर वापस आ गये हैं।
टीके की उपलब्धता नहीं तो क्या फांसी ले लें?
बेंगलुरु (एजेंसी) : केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा पूछा है कि क्या सरकार में बैठे लोगों को टीके के उत्पादन में नाकामी की वजह से फांसी ले लेनी चाहिए? गौड़ा ने यहां बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से कहा , ‘अदालत ने अच्छी मंशा से कहा है कि देश में सबको टीका लगाना चाहिए। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर अदालत कल कहती है कि आपको इतने (टीके) देने हैं। अब ये अगर न बन पाएं, तो क्या हमें खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए?’टीके की किल्लत के सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने सरकार की कार्रवाई योजना पर जोर दिया और कहा कि इसके निर्णय किसी भी राजनीतिक लाभ या किसी अन्य कारण से निर्देशित नहीं होते हैं। सरकार अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करती रही है।