श्रीनगर, 19 मई (एजेंसी) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बारामूला में शराब की एक दुकान पर हुए ग्रेनेड हमले को 48 घंटे के अंदर बृहस्पतिवार को सुझलाने का दावा किया। इस सिलसिले में लश्कर-ए-तैयबा के 4 आतंकवादियों और उनके एक सहयोगी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि बुर्का पहने एक आतंकवादी ने बारामूला के दीवान बाग इलाके में हाल में खुली एक शराब की दुकान पर 17 मई को ग्रेनेड फेंका था, इसके बाद वह बाइक पर इंतजार कर रहे साथी के संग मौके से भाग गया। उन्होंने बताया कि ग्रेनेड से किए गए हमले में चार लोग जख्मी हो गए थे, जिन्हें पुलिस और सेना के जवानों ने बारामूला स्थित सरकारी मेडकिल कॉलेज में भर्ती कराया है। प्रवक्ता ने बताया कि बाद में एक घायल दम तोड़ दिया, जबकि एक अन्य व्यक्ति को नाज़ुक हालत में एसकेआईएमएस में स्थानांतरित किया गया हैं जहां उसकी हालत स्थिर बताई जाती है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान, पुलिस ने मौका-ए-वारदात पर विभिन्न सबूतों का मूल्यांकन किया जिस दौरान कई अहम सुराग मिले। उन्होंने बताया कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हासिल की गई जिसकी मदद से वारदात से पहले और बाद का घटनाओं के क्रम को फिर से तैयार किया गया। इसके आधार कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई। प्रवक्ता ने बताया कि सख्ती से पूछताछ करने पर कामयाबी मिली और इसके आधार पर लश्कर-ए-तैयबा के कथित ‘फॉल्कन स्क्वाड’ के चार आतंकवादियों और उनके एक मददगार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि आगे की जांच और गिरफ्तार आतंकवादियों की निशानदेही पर कई स्थानों पर छापेमारी की गई और कई चीज़ों की बरामदगी की गई जिसमें आतंकी हमले में इस्तेमाल की गई बाइक भी शामिल है। प्रवक्ता ने बताया कि शराब की दुकान पर हमला करने से कुछ दिन पहले ही इन आतंकवादियों को हथियारों और विस्फोटकों की खेप मिली थी। उन्होंने कहा कि पूछताछ में पता चला है कि यही समूह विभिन्न आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।