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चीनी वायरस से भारत में 5 बच्चे संक्रमित

कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में एचएमपीवी की दस्तक
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नयी दिल्ली, 6 जनवरी (एजेंसी)

कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पांच शिशुओं में ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस’ (एचएमपीवी) संक्रमण की पुष्टि हुई है। देश में इस वायरस संक्रमण के ये पहले दर्ज मामले हैं।

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एचएमपीवी श्वसन संबंधी बीमारी पैदा करने वाला वायरस है। हाल में चीन में इसके प्रकोप की खबरों ने दुनिया का ध्यान खींचा। यह सभी आयु वर्ग के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारों ने आश्वस्त किया है कि घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी अस्पतालों को श्वसन संबंधी बीमारियों में संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि बेंगलुरु में तीन महीने की एक बच्ची और आठ माह के शिशु को ‘ब्रोंकोन्यूमोनिया’ की शिकायत के चलते पिछले दिनों बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद एचएमपीवी से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है और शिशु के स्वास्थ्य में भी सुधार है। दोनों मामलों का विदेश यात्रा से कोई संबंध नहीं है। उधर, राजस्थान के रहने वाले दाे माह के एक शिशु को श्वसन संक्रमण के लक्षणों की वजह से 24 दिसंबर को अहमदाबाद के चांदखेड़ा स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसकी हालत स्थिर है। तमिलनाडु के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि चेन्नई में दो बच्चों में एचएमपीवी की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।

सेंसेक्स ने लगाया गोता

मुंबई (एजेंसी) : स्थानीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट रही। बीएसई सेंसेक्स ने 1258 अंक का गोता लगाया। एनएसई निफ्टी भी लुढ़क कर 23,700 अंक के नीचे आ गया। कारोबारियों के अनुसार, कंपनियों के तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों को लेकर चिंता, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के अलावा एचएमपीवी वायरस को लेकर चिंता के चलते कारोबारी धारणा पर असर पड़ा।

चिंता करने की कोई बात नहीं : नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार 2001 में इसका पता चला था। यह कई साल से पूरी दुनिया में फैल रहा है। सर्दियों और वसंत की शुरुआत में अधिक फैलता है। स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। चिंता करने की कोई बात नहीं है।’

सांस से नहीं फैलता : जीनोमिक सर्विलांस कमेटी के पूर्व प्रमुख डॉ. विशाल राव ने कहा, ‘कोविड के विपरीत, यह संक्रमण सांस से नहीं फैलता। एचएमपीवी वायरस एक ड्रॉपलेट संक्रमण है। मास्क पहनें और हाथ की स्वच्छता बनाए रखें।’ एम्स-दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि दस साल की उम्र तक, अधिकांश बच्चों में इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है।

लक्षण : खांसी, बहती या बंद नाक, गले में खराश और बुखार।

उपचार : घर पर आराम और सहायक देखभाल से पांच-छह दिनों में बीमारी ठीक हो जाती है। ब्रोंकाइटिस या निमोनिया होने पर चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।

बचाव : साबुन और पानी से हाथ धोना, हैंड सैनिटाइजर, मास्क, संक्रमित लोगों के संपर्क से बचना।

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