नयी दिल्ली, 1 फरवरी (एजेंसी)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा बजट को पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये करने का मंगलवार को प्रावधान किया और साथ ही सैन्य साजो-सामान के निर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर बल दिया है। संसद में पेश बजट में पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1,52,369 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं जिनमें नये हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजो-सामान की खरीद शामिल हैं।
वर्ष 2021-22 के लिए, पूंजीगत व्यय के लिए बजटीय आवंटन 1,35,060 करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार 1,38,850 करोड़ रुपये खर्च किए गए। बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 2,33,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिनमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर होने वाले खर्च शामिल हैं। इसके साथ ही रक्षा पेंशन के लिए अलग से 1,19,696 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए 20,100 करोड़ रुपये ,रखे गए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त वर्ष 2022-23 में स्टार्ट-अप और निजी क्षेत्र के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत अलग रखने के प्रस्ताव को ‘उत्कृष्ट’ बताया। रक्षा मंत्री ने इस घोषणा का भी स्वागत किया कि रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए आवंटित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार आयात में कमी लाने और सशस्त्र बलों के लिए साजोसामान के लिहाज से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि निजी उद्योगों को ‘एसपीवी मॉडल’ के जरिए डीआरडीओ और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य मंच और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। व्यापक परीक्षण और प्रमाणन जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्वतंत्र ‘नोडल अम्ब्रैला’ निकाय की स्थापना की जाएगी।
थल सेना को 32,015 करोड़
पूंजी परिव्यय मद के तहत थल सेना को 32,015 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले साल ये 36,481 करोड़ रुपये था। बजट दस्तावेजों के मुताबिक, थल सेना आवंटित राशि में से 25,377 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाई। पूंजीगत परिव्यय मद के तहत नौसेना को 47,590 करोड़ का आवंटन हुआ, जबकि पिछले यह 33,253 करोड़ रुपये था। वायु सेना को पिछले साल के 53,214 करोड़ रुपये के मुकाबले पूंजीगत परिव्यय मद में 55,586 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।