Saudi Arabia: सऊदी अरब में बस व टैंकर की भीषण टक्कर, 42 भारतीय हज यात्रियों की मौत
Indian Haj Pilgrims: सऊदी अरब में मक्का से मदीना जा रही एक यात्री बस सोमवार तड़के सुबह करीब 1:30 बजे सऊदी अरब के मुफ़्रिहात इलाके में एक डीजल टैंकर से टकरा गई। इस बस में कुल 43 यात्री सवार थे, जिनमें लगभग 42 हैदराबाद के उमराह तीर्थयात्री बताए जा रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अभी तक केवल 1 जीवित यात्री मिली है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूत्रों ने बताया है कि तीर्थयात्रियों की यह टोली हैदराबाद की थी और इसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। इस दुर्घटना के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंथ रेड्डी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने तत्काल मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव और DGP शिवधर रेड्डी को निर्देश दिए हैं कि वे पीड़ितों की पहचान करें और यह सुनिश्चित करें कि कितनी जानें तेलंगाना से थीं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विदेश मंत्रालय और सऊदी अरब दूतावास के साथ समन्वय करने को कहा है, ताकि राहत प्रयासों में तेजी लाई जा सके। राज्य सचिवालय में एक कंट्रोल रूम भी चालू कर दिया गया है और रेजिडेंट कमिश्नर गौरव उप्पल को सतर्क किया गया है।
हैदराबाद के सांसद व AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने रियाध में स्थित भारतीय दूतावास में मिशन के उप-प्रमुख अबू माथेन जॉर्ज से बात की, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि मगर जानकारी एकत्र की जा रही है। ओवैसी ने हैदराबाद की दो ट्रैवल एजेंसियों द्वारा दिए गए यात्रियों के डेटा को दूतावास और विदेश सचिव के साथ साझा किया है।
उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अनुरोध किया कि हादसे में हुए मृतकों की अस्थियां जल्दी से भारत वापस लाई जाएं और घायलों को सर्वश्रेष्ठ उपचार मिले।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घटना पर शोक जताते हुए कहा कि रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास इस दुर्घटना से प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं।
घटना की गंभीरता के मद्देनज़र राहत-पुनर्स्थापना टीमों को मौके पर भेजा जाने की तैयारी जारी है। साथ ही, भारतीय दूतावास स्थानीय सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर मृतकों की पहचान करने और संपर्क किए गए तीर्थयात्रियों के परिवारों को त्वरित सूचना देने में जुटी है।
यह हादसा उन परिवारों और समाज के लिए भारी सदमा है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को पैवित्र यात्रा पर भेजा था। समय इस बात का गवाह होगा कि कैसे प्राधिकरण और सरकार मिलकर दुख की इस घड़ी में पीड़ितों को न्याय और सहारा प्रदान करते हैं।
