लेह जिले में बुधवार को लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई और 65 से ज्यादा लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और कुछ वाहनों में आग लगा दी और हिल काउंसिल भवन में घुसने की कोशिश की। युवाओं ने सीआरपीएफ कर्मियों पर पथराव किया, जिन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गोलीबारी की और आंसू गैस के गोले छोड़े। सोनम नूरबू मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रिनचेन चोसडोल ने ‘द ट्रिब्यून’ को बताया कि कई घायलों को पैलेट गन से चोटें आई हैं। स्तब्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 35 दिनों से चल रही अपनी भूख हड़ताल बुधवार को 15वें दिन समाप्त कर दी।
कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के साथ हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की तबीयत बिगड़ने के बाद मंगलवार को लेह जिले में बंद का आह्वान किया गया था। इससे वांगचुक के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे युवा नाराज़ हो गए।
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रतिनिधियों द्वारा गृह मंत्रालय से राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह करने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा पहले से ही पनप रहा था।
केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारी भाजपा कार्यालय पहुंचे और इमारत में आग लगा दी। लद्दाख भाजपा के प्रदेश मीडिया सचिव हसन पाशा ने दावा किया कि पार्टी कार्यालय के कुछ कर्मचारी भी घायल हुए हैं। गृह मंत्रालय ने जनवरी, 2023 में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। एलएबी और केडीए अपनी मांगों को लेकर समिति के साथ बातचीत कर रहे हैं।
हिंसा में शामिल न हों युवा : वांगचुक
वांगचुक ने कहा, ‘लगभग 2,000-3,000 जेनरेशन ज़ी युवाओं का एक समूह ने हिल काउंसिल और भाजपा कार्यालयों पर आग लगा दी। हिंसा युवाओं के गुस्से का प्रतीक है। मैं लद्दाख के युवाओं से अपील करता हूं कि वे हिंसा में शामिल न हों।’
उधर, केडीए के सदस्य सज्जाद कारगिली ने कहा, ‘लेह में जो कुछ भी हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। कभी शांतिपूर्ण रहा लद्दाख अब सरकार के केंद्र शासित प्रदेश बनाने के असफल प्रयोग के कारण निराशा और असुरक्षा की भावना से ग्रस्त है।’