नयी दिल्ली, 12 मई (एजेंसी) चंडीगढ़ पुलिस ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के चार अधिकारियों को एक आईटी कम्पनी पर, उगाही करने के इरादे से फर्जी छापेमारी करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ये चारों आरोपी अधिकारी बुधवार को कथित तौर पर ‘तलाशी’ के लिए चंडीगढ़ गए थे, जबकि ये वहां तैनात ही नहीं थे। उनके पास इस अभियान को अंजाम देने के लिए कोई आधिकारिक आदेश भी नहीं था। अधिकारियों ने बताया कि कम्पनी के कर्मचारियों ने शक होने पर उन्हें घेर लिया और पुलिस को बुलाया। सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी की नीति ‘भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने‘ की है जिसके तहत आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।