नयी दिल्ली, 2 अप्रैल (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिविल पदों पर नौकरी की चाहत रखने वाले कर्मचारियों को पूर्ण भरोसे और सच्चाई के साथ कार्य करना चाहिए। इस फैसले के साथ ही शीर्ष अदालत ने एक शिक्षक को आधिकारिक प्रपत्र में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले का खुलासा न करने के मामले में उसकी बर्खास्तगी बरकरार रखी। व्यक्ति की नियुक्ति 1999 में गणित के शिक्षक के तौर पर हुई और उसे 2008 में सेवा से मुअत्तल कर दिया गया था। शिक्षक ने राजस्थान में अपने खिलाफ मामला दर्ज करने की जानकारी छुपाई थी। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी. रमासुब्रमण्यम ने आदेश में कहा,‘मौजूदा मामले में प्रतिवादी (शिक्षक) युवा विद्यार्थियों के करियर को संवारने के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन वह झूठ पर आधारित अपने आचरण से (उन बच्चों को) क्या संदेश देंगे।’ कैट ने सेवा से मुअत्तल किये जाने के फैसले के खिलाफ शिक्षक की याचिका खारिज कर दी, लेकिन शिक्षक की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2012 में कैट के आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने अपील मंजूर करते हुए शिक्षक की बर्खास्तगी को सही ठहराया।