नयी दिल्ली, 11 जनवरी (एजेंसी)
आईआईटी द्वारा लिये जाने वाले शुल्क के मामले में भारतीय नागरिकों के साथ समानता की मांग कर रहे विदेशी नागरिकता प्राप्त भारतीय मूल के (ओसीआई) छात्र से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा,‘आप भारतीय नागरिकता क्यों नहीं अपना लेते और इस देश की सेवा क्यों नहीं करते?’ जस्टिस एसए नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने छात्र की याचिका पर नोटिस जारी किया और केंद्र से इस विषय पर जवाब देने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘समस्या यह है कि आप दोनों तरीके से फायदा चाहते हैं। आप यहां पढ़ना चाहते हैं लेकिन वापस वहां चले जाना चाहते हैं। आप भारतीय नागरिकता क्यों नहीं अपना लेते और इस देश की सेवा क्यों नहीं करते?’
केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह एक व्यापक मुद्दा है और भारतीय छात्रों के साथ पक्षपात नहीं होना चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने दलील दी कि आईआईटी मद्रास उससे विदेशी नागरिकों के समान शुल्क मांग रहा है। ओसीआई कार्ड विदेशों में रहने वाले भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय है जिससे उन्हें भारत में लंबे समय तक बिना वीजा के यात्रा करने और ठहरने की अनुमति मिल जाती है। उन्हें कुछ ऐसे विशेषाधिकार भी मिल जाते हैं जो सामान्यत: किसी विदेशी नागरिक को प्राप्त नहीं होते।