मुंबई, 20 जनवरी (एजेंसी)
विवादास्पद वेब सीरीज ‘तांडव’ से कम से कम दो दृश्य हटा दिये गए हैं, लेकिन बुधवार को इसने खुद को और अधिक संकट में घिरा पाया क्योंकि इस बार इसके निर्माताओं के खिलाफ मध्य प्रदेश में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जबकि महाराष्ट्र में एक अन्य दर्ज की जा सकती है। सीरीज की प्रथम कड़ी ‘तानाशाह’ से दो दृश्य हटा दिये गए हैं, जिनमें मुख्य किरदारों के बीच बातचीत का एक दृश्य भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही अमेजन प्राइम वीडियो की इस सीरीज के निर्माताओं एवं कलाकारों ने एक बार फिर से माफी मांगी थी। विवाद के केंद्र में वह दृश्य है, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। यह दृश्य हटा दिया गया है। साथ ही, सीरीज में प्रधानमंत्री देवकी नंदन सिंह के संवाद में दलित नेता कैलाश कुमार का अपमान करने वाले दृश्य को भी हटा दिया गया है।
इस बीच, महाराष्ट्र राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि राज्य पुलिस को विवादास्पद वेब सीरीज ‘तांडव’ के बारे में एक शिकायत मिली है। देशमुख ने यहां पत्रकारों से बातचीत में मांग की कि केन्द्र सरकार को ‘ओवर द टॉप (ओटीटी) मंचों पर सामग्री को विनियमित करने के लिए एक कानून लाना चाहिए। देशमुख ने कहा, ‘हम प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करेंगे और औपचारिक रूप से कार्रवाई करेंगे।’ वहीं, उत्तर प्रदेश की चार सदस्यीय एक टीम बुधवार को मुंबई पहुंची। उत्तर प्रदेश में 3 प्राथमिकियां दर्ज की गई है। एक अधिकारी ने कहा कि टीम सीरीज के निर्माता, निर्देशकों और कलाकारों के बयान दर्ज कर सकती है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मी सुबह मुंबई पहुंचे और वे मदद के लिए उपनगरीय अंधेरी में पुलिस उपायुक्त (डिटेक्शन -1) के कार्यालय गये।
निर्देशक, अन्य को ट्रांजिट अग्रिम जमानत
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को ‘तांडव’ के निर्देशक अली अब्बास जफर, आमेजन प्राइम इंडिया की प्रमुख अपर्णा पुरोहित, निर्माता हिमांशु मेहरा और लेखक गौरव सोलंकी को ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी। जस्टिस पीडी नाइक ने चारों को गिरफ्तारी से 3 सप्ताह की राहत दी है। इससे सभी को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में संबंधित अदालत में जाने का मौका मिल जाएगा।