नयी दिल्ली, 24 नवंबर (एजेंसी)
देश में 2045 तक मधुमेह पीड़ितों की संख्या दोगुना होने की आशंका है। एक अध्ययन के अनुसार देश में करीब 7.7 करोड़ वयस्क मधुमेह से पीड़ित हैं और 2045 तक इनकी संख्या 13.4 करोड़ तक पहुंच सकती है। विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा कि महानगरों में रह रहे 20 साल के ऐसे पुरुष एवं महिलाएं जिन्हें आज मधुमेह नहीं है, उनमें जीवनकाल में यह बीमारी होने का खतरा क्रमश: 56 एवं 65 फीसदी है। मोटापे की स्थिति में यह खतरा क्रमश: 86 अौर 87 फीसदी है। वहीं, जिनका ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (बीएमआई) सामान्य है, वह मधुमेह मुक्त रह सकते हैं। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि पूरे जीवनकाल में आमतौर पर महिलाओं के मधुमेह से पीड़ित होने का खतरा अधिक रहता है।
‘डायेबेटोलॉजिया’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में भारतीय महानगरों में रह रहे लोगों में मधुमेह होने की आशंका का आकलन किया गया है। इसमें अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि तेजी से हो रहे शहरीकरण, गुणवत्तापूर्ण आहार के अभाव और शारीरिक गतिविधि में कमी का भी इस बीमारी को बढ़ाने में बड़ा हाथ है। इस अध्ययन में देश के शहरी हिस्से में उम्र, लिंग एवं बीएमआई आधारित मधुमेह की दर का आकलन किया गया है। यह ‘सेंटर फॉर कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क रिडक्शन इन साउथ एशिया’ के आंकड़ों (2010-2018) पर आधारित है।