तवांग, 24 अक्तूबर (एजेंसी)
अरुणाचल प्रदेश के तवांग बौद्धमठ के प्रमुख ने कहा है कि चीन को अगले दलाई लामा को चुनने में शामिल होने का कोई अधिकार नहीं है, खासकर इसलिए कि वह धर्म में विश्वास ही नहीं करता तथा उत्तराधिकारी का चयन करना तिब्बती लोगों का पूर्ण रूप से आध्यात्मिक मामला है। दुनिया में तिब्बत के ल्हासा के पोताला महल के बाद दूसरे सबसे बड़े बौद्धमठ के प्रमुख ने कहा कि केवल वर्तमान दलाई लामा एवं तिब्बती लोगों को ही तिब्बती आध्यात्मिक नेता के उत्तराधिकारी के बारे में फैसला करने का अधिकार है तथा चीन की इसमें कोई भूमिका नहीं है। ‘चीन को अगले दलाई लामा को चुनने की प्रक्रिया में शामिल होने का कोई हक नहीं है। केवल वर्तमान दलाईलामा और उनके अनुयायियों को ही इस मुद्दे पर फैसला करने का अधिकार है।’
तवांग बौद्धमठ के प्रमुख का बयान पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत एवं चीन के बीच गतिरोध के बीच आया है। यह बौद्धमठ जिस क्षेत्र में है उसपर चीन अपना दावा करता है। हालांकि, भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न एवं अविभाज्य अंग है।