नयी दिल्ली, 19 सितंबर (एजेंसी)
भारत में 2020 में ‘लापरवाही के कारण हुई सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित मौत’ के 1.20 लाख मामले दर्ज किए गए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद हर दिन औसतन 328 लोगों ने जान गंवाई।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2020 की वार्षिक ‘क्राइम इंडिया’ रिपोर्ट में खुलासा किया कि लापरवाही के कारण हुईं सड़क दुर्घटनाओं में तीन साल में 3.92 लाख लोगों की जान गई है। आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.20 लाख लोगों की मौत हुई।
सार्वजनिक मार्ग पर तेज गति से या लापरवाही से वाहन चलाने से ‘चोट’ लगने के मामले 2020 में 1.30 लाख, 2019 में 1.60 लाख और 2018 में 1.66 लाख रहे, जबकि इन वर्षों में ‘गंभीर चोट’ लगने के क्रमश: 85,920, 1.12 लाख और 1.08 लाख मामले दर्ज किये गये। इस बीच, देशभर में 2020 में रेल दुर्घटनाओं में लापरवाही से मौत के 52 मामले दर्ज किए गए। 2019 में ऐसे 55 और 2018 में 35 मामले दर्ज किए गए थे।
चिकित्सा लापरवाही के कारण 133 की मौत
भारत में चिकित्सा लापरवाही के कारण मौतों के 133 मामले दर्ज किये गए। 2019 में ऐसे मामलों की संख्या 201 जबकि 2018 में 218 थी। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में नागरिक निकायों की लापरवाही के कारण मौत के 51 मामले सामने आये। 2019 में ऐसे मामलों की संख्या 147 और 2018 में 40 थी। आंकड़ों में बताया गया है कि 2020 में देश भर में ‘अन्य लापरवाही के कारण मौत’ के 6,367 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में 7,912 और 2018 में 8,687 थे।