केप केनवेरल (अमेरिका), 2 मार्च (एजेंसी)चंद्रमा से 5,800 मील प्रति घंटे की रफ्तार से 3 टन अंतरिक्ष कचरा टकराने वाला है। यह टक्कर इतनी भीषण होगी कि इससे एक इतना बड़ा गड्ढा बनेगा जिसमें ट्रैक्टर ट्रेलर जैसे कई वाहन समा सकते हैं। यह कचरा एक रॉकेट का अवशेष है जो शुक्रवार को 5,800 मील प्रति घंटे (9,300 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से चंद्रमा के उस सूदूर स्थान से टकराएगा जहां दूरबीन की नजर नहीं पहुंचती। टक्कर के प्रभाव की पुष्टि करने में कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा है कि यह रॉकेट चीन का है जिसे करीब एक दशक पहले भेजा गया था और तब से यह इधर-उधर घूम रहा है। हालांकि चीन के अधिकारियों ने इस रॉकेट के अपना होने पर संदेह जताया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी भीषण टक्कर से चंद्रमा की सतह पर 33 से 66 फुट (10 से 20 मीटर) तक का गड्ढा बन जाएगा और चंद्र सतह की धूल सैकड़ों किलोमीटर तक फैल जाएगी।
अंतरिक्ष पर्यवेक्षक बिल ग्रे ने जनवरी में इस रॉकेट कचरे की चंद्रमा से टक्कर होने संबंधी घटना का अनुमान लगाया था। ग्रे ने शुरू में इसे स्पेसएक्स का कचरा होने का संदेह व्यक्त किया था, पर बाद में उन्होंने सुधार करके कहा था कि यह 2015 में भेजा गया स्पेसएक्स कंपनी का रॉकेट नहीं है। संभवत: यह चीन का रॉकेट है जिसने 2014 में चांद पर एक परीक्षण सैंपल कैप्सूल भेजा था। कैप्सूल वापस आ गया था लेकिन रॉकेट अंतरिक्ष में ही भटकता ही रहा।
चीन सरकार के अधिकारियों ने कहा कि बीजिंग का रॉकेट पृथ्वी के वायुमंडल में वापस आने पर जल गया था। अमेरिकी पर्यवेक्षकों का चीन के विपरीत भिन्न मत है। पृथ्वी के पास अंतरिक्ष कचरे पर दृष्टि रखने वाली अमेरिकी अंतरिक्ष कमान ने मंगलवार को कहा कि 2014 के अभियान से जुड़ा चीनी रॉकेट पृथ्वी के वायुमंडल में कभी वापस नहीं आया।