नयी दिल्ली, 16 सितंबर (एजेंसी)
भारत में 2020 में 19 महानगरों में से दुष्कर्म के करीब 40 प्रतिशत मामले और हत्या के तकरीबन 25 प्रतिशत मामले अकेले दिल्ली में सामने आए। सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने और लॉकडाउन लगे होने के बावजूद हत्या के 1,849 और बलात्कार के 2,533 मामले दर्ज किए गए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने 20 लाख से अधिक की आबादी वाले 19 शहरों को महानगर के तौर पर वर्गीकृत किया है जिनमें अहमदाबाद, बेंगलूरू, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत आते हैं। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2020 में हत्या के 461 मामले, बेंगलूरू में 179 मामले, चेन्नई में 15 मामले, मुंबई में 148 मामले, सूरत में 116 मामले और कोलकाता में 61 मामले आए।
पिछले साल हत्या के कुल 1,849 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में दर्ज किए मामलों (2,017) से 8.3 प्रतिशत कम हैं। इसके मुताबिक, महानगरों में दर्ज किए गए ‘गैर इरादतन हत्या’ के 192 मामलों में से 57 मामले अकेले दिल्ली में दर्ज किए गए। इसके बाद लखनऊ में 28 और बेंगलूरू में 10 मामले दर्ज किए गए।
राजधानी में दुष्कर्म के 38% से अधिक मामले
भारत में 2020 में महानगरों में दुष्कर्म के कुल 2,533 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे अधिक 967 मामले (38 प्रतिशत) दिल्ली में दर्ज किए गए। इसके बाद जयपुर में 409 मामले (16 प्रतिशत), मुंबई में 322 (12 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए। बेंगलूरू में दुष्कर्म के 108, चेन्नई में 31 और कोलकाता में 11 मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी के अनुसार, इन 2,533 मामलों में से दुष्कर्म की 2,448 पीड़िता 18 वर्ष से अधिक आयु की थीं।
एससी, एसटी के खिलाफ अपराध : यूपी, एमपी सबसे आगे
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ वर्ष 2020 में भी अपराध के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इस अवधि में इन समुदायों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए। एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ हुए अपराधों के संबंध में 50,291 मामले दर्ज किए गए जोकि 2019 (45,961 मामले) में दर्ज मामलों से 9.4 फीसदी अधिक रहे।